भारतीय रेल ने बनाया ऐतिहासिक कीर्तिमान, सोन नदी के पुल पर दौड़ीं एक साथ 5 ट्रेनें

भारतीय रेल ने बनाया ऐतिहासिक कीर्तिमान, सोन नदी के पुल पर दौड़ीं एक साथ 5 ट्रेनें
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रोहताश जिले के सासाराम स्थित गया-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलमार्ग पर एक साथ पांच ट्रेनों का सफल परिचालन किया गया। सोन नदी पर बने पुल पर एक साथ पांच ट्रेनों के संचालन से भारतीय रेल ने ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाया है। जिस पुल पर यह परिचलान किया गया है उसकी क्षमता 6 ट्रेनों का भार झेलने की है।

रोहताश जिले के सासाराम स्थित गया-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलमार्ग (Gaya-Pandit Deendayal Upadhyay railway line) पर एक साथ पांच ट्रेनों का सफल परिचालन किया गया। सोन नदी (Son River) पर बने पुल पर एक साथ पांच ट्रेनों के संचालन से भारतीय रेल (Indian Railways) ने ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाया है। जिस पुल पर यह परिचलान किया गया है उसकी क्षमता 6 ट्रेनों का भार झेलने की है।

पंजाब (Punjab) से लेकर यूपी, हरियाणा, बिहार से होते हुए झारखंड (UP, Haryana, Bihar, Jharkhand,) तक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। डेहरी में सोन नदी पुल से गुजर रहे डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की क्षमता एक साथ 6 ट्रेनों के परिचालन की है। भारतीय रेलवे ने 5 ट्रेनों का संचालन कर एक उपलब्धि हासिल की है। बिहार के साहनेवाल से लेकर पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दनकुनी तक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। जिसके तहत वेस्टर्न कॉरिडोर (Western Corridor ) में 1504 किलोमीटर और स्टैंड कॉरिडोर (Stand Corridor) में 1856 किलोमीटर की दूरी शामिल है।

ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated freight corridor) कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड की तरफ से इसका निर्माण कराया गया है। साथ ही इसकी तकनीकी बाधाओं को दूर कर सफल परिचालन किया गया। इसका फायदा यह होगा कि देश भर में मालवाह ट्रेनों का संचालन अब और बेहतर हो जाएगा। साथ ही कई राज्यों में माल की सप्लाई हो सकेगी। यानी दूसरे राज्यों में आसानी के साथ माल भेजने की सहूलियत हो जाएगी। यह इंडस्ट्री के विकास में एक अहम कदम माना जा रहा है। भारतीय रेलवे की तरफ से इसका सफल ट्रायल मंगलवार को किया गया।


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