कुशवाहा ने गरीबों के लिए जरूरी करार दी जातीय जनगणना, अन्य पार्टियों से भी की ये खास अपील

कुशवाहा ने गरीबों के लिए जरूरी करार दी जातीय जनगणना, अन्य पार्टियों से भी की ये खास अपील
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बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे पर जमकर सियासत होती हुई नजर आ रही है। अब जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इससे गरीबों का विकास हो सकता है। वहीं कुशवाहा ने कहा कि सियासी लाभ-हानि से हटकर इस पर सोचने की जरूरत है।

जाति आधारित जनगणना (caste based census) कराए जाने की मांग को लेकर बिहार राजनीति (Bihar politics) में जबरदस्त उछाल दिखाई दे रहा है। बिहार में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) भी सात अगस्त को जातीय जनगणना को लेकर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। दूसरी ओर बिहार सरकार की तरफ से संकेत दिए गए हैं कि जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार मान जाए तो बढ़िया बात। यदि नहीं मानी तो बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Government) अपने स्तर से राज्य में जातीय जनगणना कर दे। वहीं अब जातीय जनगणना के मुद्दे से जदयू (JDU) संसदीय बोर्ड के नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भी जुड़ गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने शेखपुरा में जाति आधारित जनगणना का पक्ष लेते हुए कहा कि जब हमारे देश में धर्म आधारित जनगणना हो सकती है। वहीं जातीय जनगणना कराने में क्या परेशानी आ रही है?

जातीय जनगणना का पक्ष लेते हुए आगे जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना से गरीबों का विकास हो सकेगा। जातीय जनगणना के मामले पर सियासी लाभ-हानि से दूर रहकर इसके समर्थन में आने की आवश्यकता है। आपको बता दें कि जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने आज ही सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के हवाले से बड़ा बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि मुद्दे पर केंद्र सरकार मान जाए तो ठीक होगा। यदि नहीं मानी तो नीतीश सरकार अपने स्तर से प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने की तैयारी में है। इससे पहले जातीय जनगणना को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार गुरुवार को पीएम मोदी को पत्र भेज चुके हैं। जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से जाति आधारित जनगणना के मसले पर बातचीत करने के लिए समय मांगा है।

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