शहाबुद्दीन की मौत पर गरमाई बिहार की सियासत, पूर्व सीएम मांझी ने पूरे मसले की जांच कराने की मांग उठाई

दिल्ली (Delhi) की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में सजा काट रहे बिहार के चर्चित बाहुबली एवं राजद (RJD) के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन (Shahabuddin) का कोरोना संक्रमण (Corona infection) से शनिवार को निधन हो गया था। सिवान (Siwan) के पूर्व सासंद शहाबुद्दीन को बीते महीने में 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शहाबुद्दीन की मौत की वजह कोरोना संक्रमण को बताया जा रहा है।
वहीं राजद नेता शहाबुद्दीन की मौत पर बिहार की सियासत भी गरमा गई है। वहीं बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने शहाबुद्दीन की मौत को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। मांझी ने इस मसले की जांच कराने की मांग उठाई है। इसके अलावा मांझी ने शहाबुद्दीन का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने की बात फिर से उठाई है।
जीतन राम मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, दिल्ली के सीएम और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से निवेदन है कि सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के निधन की जांच कराई जाए। साथ ही शहाबुद्दीन का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान किया जाए। वहीं 'हम' पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत पर कोई ना कोई राज है जो सामने आना ही चाहिए।
याद रहे शहाबुद्दीन का दो दिनों पहले दिल्ली के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमण से निधन हो गया था। शहाबुद्दीन दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे। तिहाड़ में शहाबुद्दीन की तबीयत बिगड़ने पर उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शहाबुद्दीन की मौत पर लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव समेत राजद पार्टी के कई बड़े नेताओं ने शोक प्रकट जाहिर किया था।
शहाबुद्दीन को गत माह 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार की सुबह से ही शहाबुद्दीन के निधन की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। पर खबरों को तिहाड़ जेल प्रशासन लगातार गलत करार दे रहा था। उस वक्त जेल प्रशासन ने कहा था कि शहाबुद्दीन की स्थिति गंभीर है। वहीं शहाबुद्दीन का इलाज दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की आईसीयू में चल रहा है। शनिवार दोपहर में तिहाड़ जेल के डीजी की ओर से आधिकारिक सूचना जारी कर शहाबुद्दीन के निधन की सूचना दी गई।
आपको बता दें पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ करीब 3 दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले चल रहे थे। तिहाड़ जेल में बंद होने से पहले वो बिहार की भागलपुर और सीवान की जेल में लंबे वक्त तक सजा काट चुके हैं। साल 2018 में बेल मिलने पर वो जेल से बाहर आए थे। लेकिन बेल खारिज होने की वजह से उनको वापस जेल जाना पड़ा। 15 फरवरी 2018 को शीर्ष अदालत ने पूर्व राजद सांसद को सीवान से तिहाड़ जेल लाने का आदेश दिया था।
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