खाता धारक के शव को बैंक लेकर पहुंच गए परिजन, मैनेजर ने दबाव में आकर उठाया ये कदम

खाता धारक के शव को बैंक लेकर पहुंच गए परिजन, मैनेजर ने दबाव में आकर उठाया ये कदम
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बिहार के भागलपुर से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां जब बैंक से धन नहीं मिला तो परिजन अकाउंट होल्डर के शव को ही बैंक लेकर पहुंच गए। जहां इन लोगों ने जमकर हंगामा किया। बाद में मैनेजर ने इन लोगों के दवाब में आकर राशि निकाल दी। वहीं मैनेजर ने इस मामले को लेकर पुलिस से शिकायत कर दी है।

बिहार (Bihar) के भागलपुर (Bhagalpur) से एक हैरान कर देने वाली घटना (shocking incident) सामने आई है। सुनने वाला हर कोई दंग रह जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां बैंक से रकम की निकासी नहीं होने से परिजन परेशान थे। इसके विरोध में परिजनों समेत अन्य लोगों ने बुधवार की दोपहर को भागलपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा की मथुरापुर शाखा (Mathurapur Branch of Bank Of Baroda) के सामने बुजुर्ग का शव रखकर खूब हंगामा (commotion with dead body) किया। कहा जा रहा है कि हंगामे के दौरान आक्रोशित गांव वालों और बैंक मैनेजर (Bank manager) के बीच मारपीट भी हुई। इस मामले को लेकर शाखा प्रबंधक प्रवीण कुमार की ओर से नाथनगर थाने में लिखित शिकायत दी गई है। मैनेजर ने आरोप लगाया है कि कई लोग शव के साथ बैंक में जबरन दाखिल हो गए। साथ ही ये लोग शाखा प्रबंधक को भी बाहर ले गए और वहां उनके साथ हाथापाई की।

मैनेजर ने अपनी शिकायत में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैंक पर पुलिस (Police) बल की तैनाती किए जाने की मांग उठाई है। परिवार के लोगों का कहना है कि गोसाईंदासपुर पंचायत की मथुरापुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा के अकाउंट होल्डर गणेश मंडल का स्वास्थ्य करीब दो वर्षों से ठीक नहीं था। मंगलवार की सुबह में उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। इस पर उनको इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जहां उपचार के लिए रुपयों की आवश्यकता पड़ी। इस पर उनके बेटे पप्पू मंडल ने पिता से निकासी फॉर्म पर अंगूठे का निशान लगवाकर रुपये निकालने के लिए बैंक पहुंचे। यहां बैंक मैनेजर ने रकम निकालने से इंकार कर दिया। पुत्र ने बताया कि इसके लिए उनके द्वारा बैंक मैनेजर से काफी निवेदन किया गया। यह भी बताया कि पिता बीमार हैं और उनकी स्थिति ज्यादा खराब है।

इस पर शाखा प्रबंध ने कहा कि इस संबंध में वार्ड सदस्य या मुखिया से लिखित में लेकर आएं। आरोप है कि जब पप्पू ग्रामीण जनप्रतिनिधि के लेटर हेड पर लिखवाकर बैंक पहुंचा और राशि दने की मांग की। तब भी उसे रुपये नहीं दिये।

इसी बीच उपचार के दौरान बुजुर्ग की प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। फिर बुधवार की सुबह में 11 बजे परिजन और अन्य लोग शवयात्रा को लेकर निकले। इसी वक्त उन्होंने बैंक के पास पहुंचकर दाह संस्कार के लिए बैंक प्रबंधक से उनके खाते से रुपये निकालकर देने के लिए कहा। फिर भी राशि नहीं निकाली गई। इस पर गांव के लोग आक्रोशित हो गए। साथ ही शव को बैंक के बाहर रख दिया और हंगामा करने लगे।

गांव के लोगों के गुस्सें को देखते हुए मैनेजर ने उनके निकासी फॉर्म पर 50 हजार रुपये निर्गत कर परिजन को दे दिए। खाता होल्डर के अकाउंट में कुल 53 हजार रुपये जमा होने की बात बताई जा रही है। इसके बाद परिजनों ने शव का दाह संस्कार सुल्तानगंज गंगा घाट पर कर दिया। मामले को लेकर बैंक मैनेजर ने मीडिया कर्मियों से किसी तरह की बात नहीं की है। यह भी बताया गया है कि 5 दिनों पूर्व भी रुपये की निकासी बैंक द्वारा नहीं किए जाने पर बाढ़ प्रभावित लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

मैनेजर ने जबरन रुपये की निकासी करवाने का आरोप लगाया

बैंक मैनेजर प्रवीण कुमार ने पुलिस से मामले की शिकायत की है। उन्होंने खुद के साथ मारपीट किए जाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने अपने आवेदन में दो सितंबर से बैंक पर पुलिस बल भी तैनात किए जाने की मांग उठाई है। शिकायत में बतया है कि बीते दिन बुधवार को शाखा में कुछ लोग जबरन दाखिल हो गए। इन लोगों ने एक शव को बैंक के मैन द्वार पर रख दिया और कार्य प्रभावित कर दिया। उग्र लोग उनके केबिन में भी पहुंच गए थे, गाली-गलौच की और हाथापाई भी की। इन लोगों ने जबरन मृतक श्ख्स के अकाउंट से जबरन 50 हजार रुपये की निकासी कराई। यह कानून के खिलाफ है। डर के साए में बैंक कर्मियों ने मृतक के परिजनों को राशि का भुगतान किया। बीते 31 अगस्त को भी वार्ड सदस्य के साथ मृतक के परिवार वाले और कुछ गांव के लोग पहुंचे थे। इस दौरान भी इन लोगों ने रुपये की निकासी करने के लिए दबाव बनाया था। नाथनगर पुलिस ने कहा कि मामले में लिखित शिकायत मिली है। मामले में तफ्तीश करने के बाद ही आगे का एक्शन लिया जाएगा।

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