लालू यादव की फिर बढ़ सकती हैं परेशानियां, 'चारा घोटाला' मामले में बेल पर जेल से आए थे बाहर

लालू यादव की फिर बढ़ सकती हैं परेशानियां, चारा घोटाला मामले में बेल पर जेल से आए थे बाहर
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चारा घोटाला मामलों में लालू प्रसाद यादव की परेशानियां एक बार फिर से बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। अब जानकारी मिल रही है कि सीबीआई कोर्ट के जज राजेश कुमार सिर्फ चारा घोटाले से संबंधित केस की सुनवाई करेंगे। उनकी अदालत में लंबित मामलों को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

बिहार (Bihar) के पूर्व सीएम एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD chief Lalu Prasad Yadav) एक बार फिर से परेशानियों के बीच घिरते दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि बिहार में दर्ज चारा घोटाला (fodder scam) के करीब आधा दर्जन मामलों की सुनवाई सीबीआई के विशेष जज करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई के विशेष जज (CBI special judge) की तैनाती भी कर दी गई है। साथ ही अब चारा घोटालों से संबंधित मामलों की सुनवाई में तेजी आ जाएगी। हो सकता है कि इससे राजद प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) की दिक्कतें बढ़ जाएं।

बताया जा रहा है कि पटना उच्च न्यायालय (High Court) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme court) के आदेश के तहत सिविल अदालत पटना (Patna Civil Court) में पेंडिंग चारा घोटालों से संबंधित केसों की सुनवाई के लिए पटना के अपर जिला जज और सीबीआई के स्पेशल जज राजेश कुमार को अधिकृत कर दिया है।

उच्चतम न्यायालय के हवाले से पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के आदेश के मुताबिक सीबीआई कोर्ट के जज राजेश कुमार सिर्फ चारा घोटाला से संबंधित मामलों की सुनवाई करेंगे। राजेश कुमार की अदालत में लंबित मामलों को किसी दूसरी अदालत में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि झारखंड के डोरांडा कोषागार से संबंधित चारा घोटाला के केस में भी अब रांची की सीबीआई अदालत में बहस होनी शुरू हो चुकी है। झारखंड से जुड़े चारा घोटाला के अभी तक के सभी केस में सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई है। यदि लालू यादव को फिर किसी नए केस में सजा हो जाती है तो एक बार फिर से उनका जेल जाना निश्चित माना जा रहा है। आपको बता दें लालू यादव चारा घोटाला से जुड़े मामलों में सजा हफ्ता हैं। वह हालिया दिनों में ही बेल पर जेल से बाहर आए हैं।

याद रहे पटना सिविल कोर्ट में चारा घोटाले से संबंधित करीब आधा दर्जन केस पेंडिंग हैं। इन मामलों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी आरोपी हैं। वर्ष 1996 में दर्ज बांका और भागलपुर कोषागार से अवैध निकासी को लेकर केस में लालू प्रसाद यादव समेत कई नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। वर्ष 1996 में दर्ज मामले में सीबीआई कोर्ट ने 2012 में बिहार पूर्व सीएम लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा समेत 31 लोगों के खिलाफ फर्जी बिलों के आधार पर भागलपुर और बांका कोषागार से 46 लाख रुपये की फर्जी निकासी में आरोप तय किया था।

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