Caste Census: लालू यादव का सवाल- सांप-बिच्छू समेत सभी जनवारों की होगी जनगणना, पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों?

बिहार (Bihar) में जातीय जनगणना (Caste census) पर सियासत इतनी गरमा गई है कि एक तरफ एनडीए (NDA) के अंदर इस मसले पर जदयू (JDU) व भाजपा (BJP) आमने सामने नजर आ रहे हैं। दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार (central government) को पिछड़ा विरोधी करार देने में लगी हुई हैं। विशेषतौर पर गुरुवार को उस वक्त जब केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना पर उच्चतम न्यायालय किसी प्रकार का निर्देश नहीं देने की अपील की गई। इस वक्त से ही राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं की ओर से केंद्र सरकार को पिछड़ा विरोधी करार दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से आधिकारिता मंत्रालय द्वारा शीर्ष अदालत (Supreme Court) में हलफनामा दायर कर बताया गया है कि सरकार पिछड़ी जातियों की जनगणना करवाने की स्थिति में नहीं है। जिसकी वहज से प्रशासनिक परेशानियां उत्पन्न होंगी। वैसे जदयू को मसले पर अभी भी आशा है कि केंद्र द्वारा सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। वहीं मसले पर केंद्र सरकार के स्टैंड को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD chief Lalu Prasad Yadav) द्वारा ट्वीट कर कड़ा विरोध जाहिर किया गया है।
बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यावद ने ट्वीट कर लिखा कि जनगणना में सांप-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार समेत तमाम पशु-पक्षी पेड़-पौधों को गिना जाएगा। पर पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी। वाह! वहीं लालू यादव ने निशान साधते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस (BJP/RSS) को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों है? वहीं लालू यादव ने कहा कि जातीय जनगणना से तमाम वर्गों का फायदा होगा। सबकी असलियत सामने आएगी।
अन्य ट्वीट में लालू प्रसाद यादव ने लिखा कि भाजपा और आरएसएस पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहे हैं। यदि केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों और मंत्रियों को धिक्कार है। वहीं लालू यादव ने कहा कि इन सभी का बहिष्कार हो।
वहीं बीजेपी नेता एवं खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने लालू प्रसाद यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि लालू यादव हमेशा परिवार के हित में सियासत करते हैं। इनका जनता से कोई मतलब नहीं है। केंद्र सरकार के निर्णय को जनता को इशारों में समझ लेना चाहिए। फिल्म से पूर्व जो टीजर दिखाया जाता है, ये इस याचिका के तौर पर है।
जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अभी जनगणना स्टार्ट नहीं हुई है। केंद्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में अपनी बात रखी गई है। इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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