लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी का ट्विटर अकाउंट लॉक, जानें किसने की शिकायत

बिहार (Bihar) के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव (Former CM Lalu Prasad Yadav) की बेटी रोहिणी का ट्विटर अकाउंट लॉक (Rohini twitter account locked) कर दिया गया है। रोहिणी इन दिनों लगातार ट्विटर पर एक्टिव होकर बेबाकी से बिहार सरकार (Government of Bihar) के खिलाफ बयानबाजी कर रही थीं। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम एवं भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने गुरुवार को रोहिणी आचार्य के खिलाफ ट्विटर से शिकायत की थी। शुक्रवार को सुशील मोदी ने इस बारे एक और ट्वीट करते हुए इस संबंध में जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को लालू यादव की बेटी रोहिणी (Lalu Yadav daughter Rohini) ने सुशील मोदी (Sushil Modi) की बातों का जवाब देते हुए उनके खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया था। याद रहे भाजपा नेता सुशील मोदी ने सवाल किया था कि तेजस्वी प्रसाद यादव को सरकारी आवास के बजाय पटना में अर्जित मकानों में से किसी मकान को कोविड अस्पताल बनाना चाहिए था। जिस जगह पर गरीबों का फ्री में इलाज होता। सुशील मोदी ने यह भी कहा था कि तेजस्वी यादव के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डाक्टर हैं। कोरोना संक्रमण काल में तेजस्वी यादव की दोनों डाक्टर बहनों की सेवाएं क्यों नहीं ली गईं। भाजपा नेता सुशील मोदी के इन सवालों पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भड़क उठी थीं। सुशील मोदी को अपने निशाने पर लेते हुए रोहिणी ने ट्वीट कर लिखा कि ये तो आपकी किस्मत अच्छी थी कि हम वहां पर नहीं थे। रोहिणी ने अपने ट्वीट में सृजन घोटाले को आगे रखते हुए सुशील मोदी को घेरने का प्रयास किया था। लालू की बेटी के इस ट्वीट के बाद सुशील मोदी ने ट्विटर से रोहिणी के खिलाफ शिकायत कर दी थी।
आपको बता दें कि बुधवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने 01, पोलो रोड स्थित सरकारी आवास में राजद कोविड केयर सेंटर स्थापित कराया है। अपने निजी कोष से तैयार कराए गए इस सेंटर में बेड, ऑक्सीजन, दवाओं के साथ ही खाने-पीने का भी समुचित इंतजाम किया गया है। तेजस्वी ने बिहार सरकार से इस कोविड केयर सेंटर को टेकओवर कर संचालित कराए जाने का अनुरोध किया है।
इस पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर पूछा कि मंत्री बनाने के एवज में जो दो मंजिला भवन गिफ्ट किया गया था, उसमें या राबड़ी देवी के पास जो फ्लैट बचे हैं, उनमें ये अस्पताल क्यों नहीं बनाया गया। अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा है कि यदि राजद नेतृत्व में गरीबों की सेवा के लिए तत्परता और गंभीरता होती तो अस्पताल शुरू करने के लिए पहले सरकार से अनुमति ली जाती और उसके मानकों का पालन किया जाता। बिना डॉक्टर, उपकरण, स्वास्थ्यकर्मी के किसी परिसर में केवल कुछ बेड लगा देने से अस्पताल नहीं हो जाता। इससे केवल अस्पताल होने का नाटक किया जा सकता है।
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