लॉकडाउन : बिहार में परिवार की भूख मिटाने के लिए रिक्शा चालक को कफन ओढ़ मुर्दा बनना पड़ गया

लॉकडाउन : बिहार में परिवार की भूख मिटाने के लिए रिक्शा चालक को कफन ओढ़ मुर्दा बनना पड़ गया
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बिहार में कोरोना महामारी के दौर में एक बड़ा ही अजब -गजब मामला सामने आया है। फिर से लगे लॉकडाउन के दौरान पटना के एक रिक्शा चालक को जीवन और परिवार की भूख मिटाने के लिए आरा में कफन ओढ़ मुर्दा बनना पड़ गया।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार में फिर से किये गये लॉकडाउन में रिक्शे की सवारी नहीं मिलने के कारण रिक्शाचालक के सामने भूखमरी की स्थिति आ गई है। इसलिए पटना जिले के बिहटा निवासी रिक्शा चालक रामदेव को आरा में भूख मिटाने को यह तरकीब अपनानी पड़ रही है। रामदेव आरा में ही रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करता है लेकिन यात्री नहीं मिलने के कारण कभी-कभी खाना भी जुटाना मुश्किल हो रहा है।

रिक्शा चालक ने मजबूरी में यह तरकीब अपनाई है। स्थिति यह हो गई तो उसने शरीर पर कफन ओढ़ कर माला रखी व अगरबत्ती जलाई। फिर डिस टैंक रोड के किनारे लेट गया। जो भी राहगीर आते- जाते थे, उस पर पैसे रख देते थे। इस तरह उसे कुछ पैसे मिल गये। रिक्शा चालक ने बताया कि पहले लॉकडाउन में कुछ वितरण में मदद भी मिली गई थी लेकिन अब तो मदद भी नहीं मिल रही। लिहाजा मजबूरी में जिंदा रहते हुए भी मुर्दा बनना पड़ रहा है।

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