एवरेस्ट की चोटी को फतह करेगी 4 फुट 9 इंच की मिताली प्रसाद, इंटरनेशनल है प्लेयर

एवरेस्ट की चोटी को फतह करेगी 4 फुट 9 इंच की मिताली प्रसाद, इंटरनेशनल है प्लेयर
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बिहार की बेटी मिताली प्रसाद एवरेस्ट फतह करने के लिए रवाना हो गई है। मंगलवार को मिताली देहरादून के एवरेस्ट बेस कैंप के लिए रवाना हो गई है। इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और नालंदा के डीएम डीएम शशांक शुभंकर मौजूद रहे। उन्होंने तिरंगा के साथ मिताली को भेजा है। खास बात यह है कि 20 दिनों तक एवरेस्ट की चोटी को छूने के लिए मिताली गाइड नहीं लेंगी।

बिहार की बेटी मिताली प्रसाद (Bihar daughter Mithali Prasad) एवरेस्ट फतह (Everest Conquer) करने के लिए रवाना हो गई है। मंगलवार को मिताली देहरादून के एवरेस्ट बेस कैंप (Everest Base Camp in Dehradun) के लिए रवाना हो गई है। इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार(Rural Development Minister Shravan Kumar) और नालंदा के डीएम डीएम शशांक शुभंकर(Nalanda DM Shashank Shubhankar) मौजूद रहे। उन्होंने तिरंगा के साथ मिताली को भेजा है। खास बात यह है कि 20 दिनों तक एवरेस्ट की चोटी को छूने के लिए मिताली गाइड नहीं लेंगी।

पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) की छात्र रह चुकी 23 साल की मिताली ने राजनीतिशास्त्र (Political Science) से मास्टर्स डिग्री हासिल की है। साथ ही ये 2010 में कराटे की इंटरनेशनल प्लेयर (International Player of Karate) भी रह चुकी है। इन्होंने 2013 में नेहरु इंस्टीट्यूट ऑ़फ मॉउंटेनरिंग(Nehru Institute of Mountaineering) से ट्रेनिंग(Training) हासिल की थी। इतना ही नहीं, मिताली 2017 में कंचनजंघा (Kangchenjunga) की चोटी तक पहुंच चुकी है। साथ ही साउथ अफ्रीका(South Africa) की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) को भी फतह कर चुकी है। माउंट किलिमंजारों की चोटी को उन्होंने 2019 में फतह की थी। इसके अलावा अमेरिका(America) की माउंट एकांकागुआ चोटी (Mount Aconcagua peak) को फतह किया था। जनवरी 2020 में चोटी पर कदम रखने वाली मिताली भारत की पहली महिला (woman) बनी थी।

बिहार के नालंदा(Nalanda) के मायापुर की रहने वाली मिताली के पिता टीचर(Teacher) हैं और उनकी मां हाउस वाइफ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ​मिताली के सामने आर्थिक तंगी भी आ रही थी। एवरेस्ट फतह करने के लिए पिछले पांच साल से प्रयासरत थी। एवरेस्ट की चोटी को फतह करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री(Prime Minister) को भी एक पत्र लिखकर सहायता मांगी थी। उसके बाद राज्य सरकार(State Goverment) से। मिताली का कहना है कि राज्य सरकार से भी मदद की गुहार लगाई थी। साथ ही क्राउड फंडिंग का भी सहारा लिया है। यूनिवर्सिटी (University) के स्टूडेंट्स ने फंडिंग जुटाने में उनकी सहायता की है। अपने गांव में वो जब भी एवरेस्ट फतह करने की बात करती थी तो लोग मजाक उड़ाते थे।

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