विधायकों से पिटाई मामले में 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड, विस अध्यक्ष बोले- ऐसे की गई आरोपियों की पहचान

विधायकों से पिटाई मामले में 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड, विस अध्यक्ष बोले- ऐसे की गई आरोपियों की पहचान
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विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले विधायकों से पिटाई मामले को लेकर बिहार विस अध्यक्ष विजय सिन्हा ने बड़ा एक्शन लेते हुए दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। विपक्षी विधायक विधानसभा में जाने से डर रहे थे। तेजस्वी यादव ने पत्र लिखकर इस बात का खुलासा किया था।

बिहार विधानसभा का मॉनसूत्र सत्र (Monsutra session of Bihar Legislative Assembly) शुरू होने से पहले विस अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों से पिटाई मामले में बड़ा एक्शन लिया है। विधायकों से पिटाई करने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि वीडियों में जिन पुलिस अधिकारियों (police officers) को विधायकों के साथ मारपीट (MLAs assaulted) करते हुए देखे गया। उन्हीं पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। मामले पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Assembly Speaker Vijay Sinha) ने कहा कि दो पुलिस वालों को विपक्षी विधायकों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले को लेकर निलंबित किया (policemen suspended) गया है।

विस अध्यक्ष विजय सिन्हा ने बताया कि जनता के प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ चिन्हित कर एक्शन लिया गया है। इस मामले में दो पुलिसकर्मी आरोपी पाए गए। जिनको बाद सस्पेंड कर दिया गया है। सस्पेंड पलिसकर्मियों में शेष नाथ प्रसाद और रंजीत कुमार शामिल हैं। विस अध्यक्ष ने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर दोनों को सिपाहियों को चिन्हित किया गया। इसके बाद इन दोनों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की गई।

विजय सिन्हा ने कहा कि सदन में सभी सदस्य जनता का भरोसा लेकर आते हैं। वहीं सदन में 23 मार्च 2021 को एक खास बिल के खिलाफ विरोध प्रकट किया गया। उस दौरान विपक्षी एमएलए द्वारा अमर्यादित व्यवहार किया गया। उन्होंने विस अध्यक्ष का गेट बंद कर दिया था। इस कारण मार्शल के तौर पर अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। वैसे अतिरिक्त पुलिस बल अक्सर बुलाए जाते हैं। उस जो सदस्य बेल में मौजूद थे। उन सदस्यों को हमने ससम्मान बाहर भेजने का आदेश दिया था। उन्होंने बताया कि उस वक्त उनका चैंबर बंद था। इस वजह से वह बाहर के हालात नहीं देख सके थे। बाद में हमारे द्वारा सीटीटीवी फुटेज व मीडिया फुटेज देखे गए। व्हाइट लाइन के बाहर भी एक जनप्रतिनिधी की पिटाई की गई जो कतई गलत था। उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा बिहार डीजीपी से इस मामले को लेकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।

याद रहे पिछले बजट सत्र में 23 मार्च को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे को लेकर विस अध्यक्ष द्वारा पटना डीएम-एसपी को बुला लिया गया था। इस दौरान सदन में बाहर से आए पुलिस अधिकारियों द्वारा विस अध्यक्ष का घेराव कर रहे विपक्षी एमएलए को पीटा गया था। मामले की वीडियो वायरल होने के बाद विस अध्यक्ष ने मामले में जांच के आदेश दिए थे।

मामले में करीब तीन महीने तक भी कार्रवाई नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष से प्रश्न पूछा था। जिसमें तेजस्वी ने लिख कि विस अध्यक्ष जी विधायकों की पिटाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। इन स्थितियों में विपक्षी विधायक मॉनसून सत्र में विधानसभा में जाने को लेकर भयभीत हैं। उसके बाद विस अध्यक्ष ने तेजस्वी के पत्र का उत्तर दिया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि किसी एमएलए को विधानसभा में आने से भयभीत होने की नहीं है, गलत करने वाले भयभीत होंगे।

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