विधानमंडल मानसून सत्र: तेजस्वी बोले- सदन में नहीं मिल रहा प्रस्ताव रखने का मौका, विधानसभा अध्यक्ष ने दिया ये भरोसा

विधानमंडल मानसून सत्र: तेजस्वी बोले- सदन में नहीं मिल रहा प्रस्ताव रखने का मौका, विधानसभा अध्यक्ष ने दिया ये भरोसा
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बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र की सोमवार कार्यवाही स्थगित हो गई है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने सभी विपक्षी विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी के साथ बैठक की। बाद में तेजस्वी ने कहा कि ऐसा समय आ गया है कि नेता प्रतिपक्ष को सदन में प्रस्ताव रखने का मौका भी नहीं मिल रहा है।

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon Session of Bihar Legislature) की सोमवार यानी कि 26 जुलाई से शुरूआत हो गई है। सोमवार को शोक प्रस्ताव के बाद दोनों सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके उपरांत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav), विधायक तेज प्रताप यादव (MLA Tej Pratap Yadav) व कांग्रेस समेत विपक्ष के सभी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी (Assembly Speaker Vijay Choudhary) के साथ बैठक की। बाद में विधानसभा परिसर में ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते वक्त बताया कि हमने विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी से कहा है कि हम कल सदन में 2 प्रस्ताव रखेंगे। इसपर अध्यक्ष ने कहा कि आज सदन में आपको प्रस्ताव रखने का मौका नहीं मिला है। आपको मंगलवार को सदन में प्रस्ताव रखने का मौका मिलेगा। वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसे दिन आ गए कि विपक्ष के नेता को सदन में प्रस्ताव रखने का भी मौका नहीं मिल रहा है। साथ ही तेजस्वी यादव ने ये भी कहा कि एमएलए का आदर-भाव नहीं रहेगा, अपना पक्ष भी नहीं रख पाएंगे तो ऐसी स्थिति में हमारा कोई औचित ही नहीं रह जाएगा।

तेजस्वी ने 23 मार्च को काला दिवस दिया करार

वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बताया कि विपक्ष के तमाम विधायक मानसून सत्र के प्रथम दिन काला मास्क पहनकर सदन पहुंचे है। कई विधायक सदन में हेलमेंट पहनकर भी पहुंचे। जिससे हमने सरकार को बताया है कि सदन का 23 मार्च काला दिन था। उन्होंने कहा कि पूर्व में बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को ही सदन में विधायकों के साथ मारपीट की गई गई थी। लोकतंत्र के मंदिर में पुलिसकर्मियों द्वारा विधायकों की पिटाई करवाना गलत था। जनप्रतिनिधि की हैसियत से विधायकों का कार्य ही सवाल उठाना है। उस वक्त सरकार ने उन्हें अपना कत्तर्वय नहीं निभाने दिया था। तेजस्वी ने कहा कि प्रश्न करने से यह सरकार भयभीत हो जाती है। सरकार को विपक्ष के प्रश्न अच्छे नहीं लगते हैं। उन्होंने कहा कि जनता विधायकों को सदन में प्रश्न करने के लिए ही भेजती है। जनता के उस कार्य को भी सरकार द्वारा नहीं करने दिया जाएगा तो ऐसी स्थिति में विपक्षी विधायक क्या करेंगे?

अदालत के बयानों का भी किया जिक्र

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लेकर पूर्व में तंज कसा था। जिसपर तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की स्थिति को बताया है। अदालत ने साफ कहा था कि बिहार में कानून और पुलिस का राज नहीं है। तेजस्वी ने यह भी कहा उच्च न्यायालय ने तो ये तक कहा था कि बिहार में माइंडलेस सरकार है। वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से हमारी इच्छा थी कि एमएलए से मारपीट मामले में प्रस्ताव रखा जाता। साथ ही उस पर चर्चा होती। पर ऐसा नहीं किया गया। तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी से हमने दो प्रस्ताव पर बोलने की इजाजत मांगी। लेकिन विस अध्यक्ष ने मौखिक तौर से कहा कि आपको भी बोलने का अवसर दिया जाएगा।

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