डायन बताकर दो महिलाओं की पीट-पीटकर कर दी गई थी हत्या, अदालत ने 7 दोषियों को सुनाई ऐसी कठोर सजा

बिहार (Bihar) के मुंगेर (Munger) जिले में बीते दो साल पहले दो महिलाओं की दर्दनाक तरीके से हत्या (Killing two women) कर दी गई थी। मामले के संबंध में एक मृतका के बेटे मुंशी मांझी ने लड़ैयाटांड थाना (Fighting station) में मामला दर्ज करवाया था। वहीं मुंगेर की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय अनिल कुमार मिश्रा की अदालत (Court) ने दोहरे हत्याकांड (Double murder) में गुरुवार को फैसला सुनाया। अदालत ने इस दोहरे हत्याकांड में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201 तथा 3/4 डायन एक्ट के तहत कुल 7 आरोपियों को दोषी ठहराया। साथ ही अदालत ने इस मामले के सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा (Convicts sentenced to life imprisonment) सुनाई। अदालत ने इन सात दोषियों के खिलाफ 2-2 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
जानकारी के अनुसार, मुंगेर जिले के लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के सवैया गोपालीगांव में 28 फरवरी 2019 की शाम को यह वारदात हुई। जहां पर कपूरबा देवी और उसकी ननद प्रमिला देवी के खिलाफ कुछ ग्रामीणों द्वारा डायन होने का आरोप लगाया गया। इसके बाद इन ग्रामीणों ने दोनों महिलाओं को लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद ग्रामीणों ने दोनों महिलाओें के शवों को पथली नदी के किनारे रेत में दबा दिया था।
इसके बाद मृतक महिला कपूरवा देवी के बेटे मुंशी मांझी ने साल 2019 की 28 फरवरी को हत्या की धाराओं में लड़ैयाटांड थाना में मामला दर्ज करवाया। इस मामले में उपलब्ध सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर एडीजे तृतीय अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने इन सभी सात आरोपियों को दोषी ठहराया। इन सातों दोषियों के नाम कोईली मांझी, मनोज मांझी, साधो मांझी, रामविलास मांझी, मुख्तार मांझी, जीवन मांझी और धर्मेश मांझी हैं। इन सभी आरोपियों को अदालत ने दोनों महिलाओं की हत्या को अंजाम दिए जाने के लिए दोषी माना है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार को इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ सजा का ऐलान कर दिया गया। सत्रवाद संख्या 216/19 में अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर लोक अभियोजक सरोज कुमार ने बहस में हिस्सा लिया।
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