इंसेफेलाइटिस बीमारी से एक और बच्चे ने तोड़ा दम, कोरोना के बाद इस बुखार ने बढ़ाई स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां

कोरोना (Corona) के बाद और ब्लैक फंगस के साथ-साथ इंसेफेलाइटिस (encephalitis) यानि चमकी बुखार (Chamki fever) ने भी स्वास्थ्य विभाग (health Department) की समस्याएं बढ़ा दी हैं। बताया जा रहा है कि बिहार (Bihar) में एईएस से एक और मासूम बच्चे की मौत (Child death due to AES) हो गई है। बारिश के बाद तापमान बढ़ने से बिहार में मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) व आसपास के जिलों में एईएस (AES) यानी इंसेफेलाइटिस ने एक बार फिर से बच्चों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। वहीं मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच (SKMCH of Muzaffarpur) में भर्ती एक और बच्चे ने एईएस बीमारी से दम तोड़ दिया है। वैसे एईएस से जान गंवाने वाला यह बच्चा मुजफ्फरपुर जिले का निवासी नहीं था। ये बच्चा शिवहर जिले (Shivhar District) का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि शिवहर जिले के बेलसर के रहने वाले रंजीत कुमार ने अपने 4 साल के पुत्र अजीत को रविवार की दोपहर में एसकेएमसीएच में भर्ती कराया था। बच्चे अजीत में चमकी बुखार के लक्षण दिखाई दिए। इसलिए एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में एईएस का संदिग्ध मामला मानकर अजीत का उपचार चल रहा था।
एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में इलाज के दौरान ही अजीत की मौत हो गई। अजीत की बीमारी की जांच के लिए जो सैंपल लिए गए थे। उसकी जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। जिनमें एईएस की पुष्टि हुई है। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ एवं उपाधीक्षक डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि अजीत को जब एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया उसी वक्त उसकी हालत नाजूक थी। बच्चे अजीत का ग्लूकोज स्तर बहुत कम थ। डॉक्टर जेपी मंडल के वार्ड में बीमार बच्चे अजीत को भर्ती कराया गया था। अजीत स्वस्थ करने के लिए डॉक्टर ने काफी प्रयास किए, लेकिन अजीत की जान नहीं बचाई जा सकी।
इस वर्ष में एईएस हुई पांचवीं मौत
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में अब तक 26 बीमार बच्चों में चमकी बुखार की पुष्टि हुई है। जिसमें से एईएस बीमारी से पीड़ित 5 बच्चों की मौत हो गई है। पिछले दिनों मुजफ्फरपुर और आसपास के कई जिले यास चक्रवात की चपेट में आए थे और बारिश हुई थी। लेकिन उसके बाद दो-तीन दिनों से तेज धूप हो रही है। इससे तापमान और ह्यूमिडिटी दोनों ही ज्यादा हैं। इन स्थितियों में एईएस बीमारी का प्रकोप अधिक होता है। ऐसे में डॉक्टर सहनी ने अपील की है कि इस मौसम में लोग अपने बच्चों को घर में ही रखें। साथ ही बच्चों को भरपूर भोजन कराएं और पानी भी पिलाते रहें।
चमकी बुखार से बचाव के उपाय
डॉक्टर सहनी के अनुसार लोग रात में किसी भी स्थिति में बच्चों को भूखा नहीं सोने दें व सुबह को बच्चों को खुद से जगाकर उसकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लें। एईएस से बचाव को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सप्ताहिक जागरूकता चौपाल कार्यक्रम भी जारी है।
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