कोरोना की वजह से नवादा व्यवहार न्यायालय 1 मई तक बंद, जेल में बंद आरोपी बेल को तरस रहे

बिहार (Bihar) में कोरोना वायरस (Corona Virus) तेजी से फैल रहा है। इससे नवादा व्यवहार न्यायालय (nawada civil court) भी अछूता नहीं है। कोरोना संक्रमण की वजह से नवादा व्यवहार न्यायालय को 1 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश की ओर इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। आदेश में बताया गया है कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों (Corona positive patients) की बढ़ती संख्या को देखते हुए अगले 1 मई तक कोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। आदेश में बताया गया है कि कोरोना वायरस की कड़ी को तोड़ने के मकसद से पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) से निर्देश प्राप्त कर कोर्ट को 23 अप्रैल से 01 मई तक के लिए बंद किया जाता है।
जारी आदेश के अनुसार सभी न्यायिक पदाधिकारियों और कर्मचारियों को को इस दौरान अपने-अपने आवास पर रहने को कहा गया है। साथ ही इस अवधि के दौरान सभी से अपने-अपने मोबाइल फोन को चालू रखने को कहा गया है। गिरफ्तार कैदियों को जेल भेजने के अलावा अन्य कार्य के लिए कोर्ट परिसर में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
आपको बता दें कि जिला व सत्र न्यायाधीश के बाद अन्य कर्मियों के संक्रमित होने की वजह से कोर्ट का काम-काज प्रभावित हुआ है। जेल में बंद कैदियों के परिजन बेल की सुनवाई के लिए अपने अधिवक्ता पर दवाब बना रहे हैं। लेकिन बेल आवेदन पर सुनवाई को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। वैसे तो अवकाश पर जाने के पूर्व जिला जज ने वर्चुअल सुनवाई का आदेश जारी किया था। पर वर्चुअल काम-काज किस प्रकार संचालित होगा। इस संबंध में कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया था।
इस माह में 7 अप्रैल को को जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण सेवक पांडेय कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद ही वो आइसोलेट हो गए हैं। दूसरी ओर कोरोना वायरस की रफ्तार घटने की जगह बढ़ती गई। धीरे-धीरे अदालत में अन्य कर्मियों का भी कोरोना पॉजिटिव होने में इजाफा होता रहा। नतीजा ये निकला कि कोरोना का चेन तोड़ने की खातिर अब कोर्ट को ही बंद कर दिया गया।
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