लापरवाही : भागलपुर के मेडिकल कॉलेज में बिजली कटने से वेंटिलेटर बंद, आईसीयू में भर्ती महिला मरीज की तड़पकर मौत

शुक्रवार सुबह नौ बजे बूढ़ानाथ निवासी चंद्रशेखर प्रसाद की 55 वर्षीय पत्नी निर्मला देवी को मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल ही गायनी आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। आईसीयू में तैनात निश्चेतक ने मरीज को सी-पैप वेंटिलेटर पर डाल दिया। इसके बाद मरीज की सेहत में सुधार होने लगा।
रात करीब 8:55 बजे अचानक गायनी आईसीयू की बिजली कट गई। बिजली कटते ही दो से तीन मिनट के बाद वेंटिलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। परिजन मरीज को दूसरे बेड पर लगे वेंटिलेटर तक ले गये। जब तक वेंटिलेटर काम करना शुरू कर देता, तब तक रात करीब 9:05 बजे मरीज की मौत हो गई। मौत के तीन मिनट बाद आईसीयू को जेनरेटर के जरिए बिजली आपूर्ति की गई। जांच में पता चला कि वेंटिलेटर की बैट्री भी खराब थी। नहीं तो जनरेटर से बिजली आपूर्ति नहीं होने के बावजूद मरीज को वेंटिलेटर का सहारा मिला होता।
बिजली आपूर्ति करने वाला सुरक्षा गार्ड ड्यूटी से था गायब
जब बिजली कटी तो उस समय बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी का सुरक्षा गार्ड भी गायब था। परिजनों के ढूंढने पर भी वह नहीं मिला। यहां तक कि आईसीयू में भर्ती मरीजों की निगरानी की जिम्मेदारी आईसीयू में तैनात नर्स की थी पर 10 मिनट तक बिजली कटी रही। ऑक्सीजन के अभाव में महिला मरीज तड़पती रही। इस दौरान आईसीयू में तैनात एक भी नर्स नहीं थी। आईसीयू में 24 घंटे चिकित्सक की तैनाती का दावा अस्पताल प्रशासन द्वारा किया जाता है पर इस दौरान डॉक्टर भी गायब थे।
मायागंज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. कुमार गौरव ने कहा कि वेंटिलेटर को अगर बिजली आपूर्ति नहीं थी, फिर भी वेंटिलेटर में लगी बैटरी के बूते चलना चाहिए था। प्रथम दृष्ट्या बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी, गार्ड, आईसीयू में तैनात नर्स व डॉक्टर की लापरवाही लग रही है। मामले की जांच कराई जायेगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
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