बांका मदरसा ब्लास्ट मामले की पड़ताल करेगी एनआईए, इस शक पर झारखंड तक पहुंचेगी जांच की कड़ी

बिहार (Bihar) में बांका (Banka) जिले के एक मदरसा में हुए धमाके (blast madrasa) मामले की तफ्तीश अब केंद्रीय जांच एजेंसी 'central investigative agency' एनआईए (NIA) करेगी। केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने स्थानीय थाने में दर्ज एफआईआर (FIR) को टेकओवर कर लिया है। साथ ही मामले से जुड़ी स्लीपर सेल व साजिश का अब एनआईए ही खुलासा करेगी। आप को बता दें कि इस मदरसा ब्लास्ट के वक्त मदरसा में 33 वर्षीय मौलाना अब्दुल मोबिन की मौत हुई थी।
जानकारी के अनुसार जान गंवाने वाले अब्दुल मोबिन झारखंड के देवघर (Deoghar of Jharkhand) जिले के निवासी थे। एनआईए अब इस मामले की पड़ताल के लिए बिहार से लेकर झारखंड तक कड़ियों को खंगालने में जुट गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बांका मदरसा धमाके (banka madrasa blast) वाले लोकेशन से फोरेंसिक जांच करने वाली टीम को विस्फोटक के अंश प्राप्त हुए थे। इस वजह से अब इस मामले की पड़ताल की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी गई है।
याद रहे बिहार के बांका जिले के नगर थाना क्षेत्र के नवटोलिया मोहल्ला में स्थित एक मदरसा भवन में मंगलवार की सुबह अचानक धमाका हो गया। इस धमाके में एक इमाम की मौत हो गई थी। विस्फोट इतना भयंकर था कि मदरसा भवन भरभरा कर ढह गया था। शुरू में स्थानीय पुलिस ने इस विस्पोट मामले की जांच की। बाद में एफएसल की टीम ने भी मौके से साक्ष्य इकट्ठे किए थे। बुधवार को पटना से 7 सदस्यीय एटीएस भी घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची थी। वहीं बांका मरदरसा घटनास्थलपर गुरुवार को भी एटीएस की टीम मौजूद है।
जानकारी के अनुसार रंजीत कुमार सिंह की अगुआई में एटीएस की टीम मलवे से कुछ प्रमाण साक्ष्य जुटा कर जांच को अंजाम तक पहुंचाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। बुधवार एटीएस अधिकारी रंजीत सिंह ने बताया कि हमारी जांच की दिशा विस्फोटक के प्रकार की सूचना लेने के साथ ही यह भी देखना है कि इस विस्फोट के पीछे कोई मॉड्यूल का हाथ तो सक्रिय नहीं है।
उन्होंने बताया कि पहले ही सारे साक्ष्य एफएसएल की टीम ने इकट्ठे कर लिए हैं। बाकी जांच के लिए राजधानी पटना से टीम आई हुई है। जो मौके पर साक्ष्य इकट्ठे कर रही है। जांच के कई बिंदुओं के आधार पर हो रही है। जिसके बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। यह धमाका बांका नगर थाना इलाके के नवटोलिया मदरसा भवन के एक कमरे में सुबह को करीब आठ बजे हुआ था।
धमाके मामले पर पुलिस ने कहा था कि पहली नजर में तो ये लगता है कि जिलेटिन की वजह से यह धमाका हुआ है। धमाके के वक्त इस मदरसे में करीब 10 से ज्यादा की संख्या में लोग उपस्थित थे। मदरसा के जिस कमरे में यह धमाका हुआ वो कमरा कई दिनों से बंद था। इस विस्पोट को काफी दूर तक सुना गया।
पुलिस के अनुसार धमाका ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे में हुआ। इससे मदरसे की दीवार व छत में दरार आई है। साथ ही जिस कमरे में विस्पोट हुआ था। वो कुछ देर में ढह गया। धमाका स्थल के आस-पास के मकानों के शीशे भी टूट गए। बांका पुलिस के अलावा घटनास्थल पर डॉग स्क्वाड, बम स्क्वाड व आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS) दौरा कर चुका है। वैसे इस प्रकरण से पूरा पर्दा तब ही उठ पाएगा जब जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
बांका मदरसा धमाका मामले पर बिहार में सियासत भी हो रही है। इस पर जहां बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि घटना से यह जाहिर हो गया की मदरसा में केवल धार्मिक व आतंकवाद की शिक्षा दी जाती है। ये धमाका सिद्ध करता है की वहां आतंकवाद का पाठ पढ़ाया जा रहा था। दूसरी ओर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भाजपा की इस तरह की बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की है।
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