नीतीश सरकार ने बिहार में स्वच्छता अभियान के नाम पर हजारों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया: प्रेम चंद मिश्रा

कांग्रेस के एमएलसी प्रेम चंद मिश्रा ने शुक्रवार को ट्वीट कर बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर स्वच्छता अभियान के नाम पर हजारों करोड़ रुपये की लूट और भ्रष्टाचार किये जाने के आरोप लगाये हैं। प्रेम चंद मिश्रा ने बताया कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार लगातार स्वच्छता अभियान और स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर तीन वर्षों में हजारों करोड़ रुपये खर्च करने का दावा रही है। वहीं उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी ही केंद्र सरकार ने जो स्वच्छता अभियान को लेकर रिपोर्ट जारी की है।
उसमें बिहार का स्थान सबसे नीचे आया है। इसके अलावा बिहार की राजधानी पटना को तीन वर्षों से स्मार्ट सिटी बनाये जाने के लिये काम चल रहा है। इसके बावजूद भी पटना को देश के सबसे गंदे शहर के रूप में चिह्नित किया गया है। प्रेम चंद मिश्रा ने कहा कि वो भी कांग्रेस के द्वारा नहीं। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के द्वारा पटना को देश का सबसे गंदा शहर बताया गया है। जिसके अंग नीतीश कुमार भी हैं। वहीं उन्होंने कहा कि मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि अगर हजारों करोड़ रुपये खर्च करने बाद भी पटना देश का सबसे गंदा शहर है।
वहीं उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में शामिल पटना के अलावा भागलपुर और मुज्जफरपुर की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। इस पर उन्होंने कहा कि जवाब देही तो बनती है। मिश्रा ने बताया कि स्वच्छता अभियान को लेकर भारत सरकार की ओर से अलग से धन भी मिलता है। वहीं स्वच्छता अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबी-लंबी बातें करते हैं। बिहार सरकार एवं नगर विकास मंत्री स्वच्छता अभियान को लेकर तीन वर्षों में हजारों करोड़ रुपये खर्च किये जाने का दावा करते हैं।
स्वचछता अभियान की असफलताओं की जिम्मेदारी लें नीतीश कुमार: कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता प्रेम चंद मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार से जो स्वच्छता को लेकर रिपोर्ट जारी हुई है। वो यह बताने के लिये पर्याप्त है। कि बिहार सरकार ने स्वच्छता अभियान के नाम पर सिर्फ कागजों पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किये हैं। उन्होंने कहा कि ना तो स्वच्छता अभियान चला और ना ही बिहार सरकार को पटना जैसे शहर को गंदगी मुक्त करने में कामयाबी हासिल हुई है।
वहीं उन्होंने कहा कि इसको लेकर नगर विकास मंत्री की जवाब देही तो बनती हैं। इस पर सीएम नीतीश कुमार को नगर विकास मंत्री का इस्तीफा ले लेना चाहिये। साथ ही मिश्रा ने कहा कि नीतीश कुमार को भी इन सभी विफलताओं की जिम्मेदारी ले लेनी चाहिये। वहीं बिहार की जनता को बतायें कि क्या पटना को स्मार्ट सिटी बनाये जाने के नाम पर केवल कागजों पर ही हजारों करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं? धरातल पर क्यों नहीं दिखा? वहीं उन्होंने दावा किया कि यह भ्रष्टाचार है। वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगली बार कांग्रेस की सरकार बनने का बाद इस लूट और भ्रष्टाचार की जांच करवाई जायेगी।
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