दिल में छेद वाले 21 बच्चे ईलाज के लिए भेजे गए गुजरात, खर्च उठाएगी बिहार सरकार

दिल में छेद वाले 21 बच्चे ईलाज के लिए भेजे गए गुजरात, खर्च उठाएगी बिहार सरकार
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राजधानी पटना से बिहार के दिल में छेद वाले 21 बच्चों को ईलाज के लिए गुजरात के अहमदाबाद भेजा गया है। सीएम नीतीश कुमार ने सभी बच्चों को बस में बिठाकर हरी झंडी दिखाकर पटना एयरपोर्ट के लिए रवाना किया।

बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने शुक्रवार को सचिवालय से सात निश्चय पार्ट-2 के तहत बाल हृदय योजना (Child heart plan) का शुभारम्भ किया। इस योजना के तहत दिल में छेद वाले बच्चों का ईलाज (Treatment of children with a hole in heart) बिहार सरकार (Government of Bihar) अपने खर्च पर कराएगी। योजना की पहली कड़ी में दिल में छेद वाले 21 बच्चों को उपचार के लिए गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) शहर भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय से सीएम नीतीश कुमार ने सभी बच्चों को बस में बिठाकर हरी झंडी दिखाकर पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) के लिए रवाना किया। जहां से ये सभी 21 बच्चे अपने परिजनों के साथ विमान में सवार होकर गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

जानकारी के अनुसार कुछ महीने पहले बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम नीतीश कुमार की मौजूदी में यह निर्णय लिया गया था कि दिल में छेद वाले बच्चों का ईलाज राज्य सरकार अपने खर्च पर कराएगी। बताया गया था कि इस योजना को जल्द से जल्द जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी राज्य के स्वस्थ विभाग को दी गई है। जिसे कुछ ही महीने में स्वास्थ विभाग ने पूरा करके शुक्रवार शाम पहली कड़ी में 21 बच्चों को इलाज के लिए गुजरात के अहमदाबाद शहर के लिए भेज दिया है।

उपचार के लिए अहमदाबाद के लिए रवाना किए गए बच्चों के परिजन काफी खुशी जाहिर कर रहे हैं। साथ ही इन परिजनों का कहना है कि सरकार ने इस योजना की शुरुआत करके उन्हें एवं प्रदेश के अन्य ऐसे लोगों को एक बड़ी राहत दी है। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जिससे कि वो अपने बच्चों का किसी दूसरे राज्य मेंं जाकर उपचार करा सकें। लेकिन बिहार सरकार ने इस मसले के बारे में सोचकर उन्हें एवं उन जैसे परिवारों के लिए एक बड़ी राहत दी है।

अहमदाबाद भेजे गए मरीजों में नवजात भी है शामिल

जानकारी के अनुसार योजना के तहत पहली कड़ी में उपचार के लिए भेजे गए 21 बच्चों में छोटे-छोटे बच्चों के अलावा एक नवजात शिशु भी शामिल है। गुजरात भेजे गए ज्यादातर मरीजों में 10 से लेकर 12 वर्ष के बच्चे शामिल हैं। इन मरीजो का नीतीश सरकार ईलाज से लेकर उनके परिजन के रहने खाने एवं आने जाने का खर्च भी उठाएगी। पटना मुख्यमंत्री सचिवालय में इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने स्वस्थ विभाग को बधाई देते हुए कहा की यह योजना सात निश्चय पार्ट टू के तहत राज्य में दिल के छेद वाले मरीजों के लिए शुरू की गई है। साथ ही सीएम ने इस बात पर हर्ष जाहिर किया कि इस घोषणा के इतनी कम समय में ही इस योजना पर कार्य भी शुरू कर दिया गया।

योजना पर सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात

साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना से दिल में छेद वाले बच्चों को बड़ा लाभ मिलने वाला है। इस मौके पर प्रदेश के स्वस्थ मंत्री मंगल पांडेय ने कहा की दिल में छेद वाले बच्चों के उपचार की व्यवस्था जल्द पटना में भी शुरू होने जा ही है। पटना के आईजीआईएमएस और आईजीआईसी में दिल के छेद वाले मरीजों का ईलाज शुरू कराए जाने को लेकर कार्य चल रहा है। पटना में इसका उपचार शुरू हो जाने के बाद से ऐसे मरीजों का बिहार की राजधानी पटना में ही उपचार हो जाएगा। दिल के छेद वाले मरीजों के उचार के लिए दूसरे राज्यों में भेजे जाने की आवश्यता नहीं होगी।

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