वर्चुअल रैली : नीतीश कुमार बोले - कोरोना व बाढ़ की दोहरी मार के बीच कर रहे बेहतर प्रदर्शन, इसलिये बिहार में घट रही बीमारी

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू द्वारा सोमचार को अपनी पहली चुनावी वर्चुअल रैली 'चिश्चय संवाद' आयोजित की गई। वर्चुअल रैली 'चिश्चय संवाद' को संबोधित करते हुये बिहार के सीएम एवं नीतीश कुमार ने नाम लिये बगैर विरोधियों पर जमकार हमले बोले। नीतीश कुमार ने कहा कि उनको पता तो कुछ रहता नहीं है, लेकिन अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। नीतीश कुमार ने बताया कि वर्तमान में बिहार कोरोना वायरस और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहा है। इसके बावजूद बिहार सरकार द्वारा दोनों ही मोर्चों को लेकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जा रहा है। नीतीश कुमार ने कहा कि सूबे में हाल में ही एक समय तो बाढ़ के दौरान राज्य सरकार की सामुदायिक रसोई के माध्यम से करीब 10 लाख लोगों को भोजन परोसा जा रहा था। इसके अलावा अन्य जरूरी मदद भी उपलब्ध करवाई जा रही थी। वहीं नीतीश कुमार ने पूछा कि क्या पहले की सरकारों में इस तरह से आपदा के दौरान कुछ दिया जाता था। नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों को मौका मिला तो इसके लिए एसओपी बना दिया। सीएम ने बताया कि इस वर्ष भी कल तक 16.62 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों को छह-छह हजार रुपये उनके खातों में भेजे गये हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि रविवार तक सूबे में बाढ़ पीड़ितों के खातों में कुल मिलाकर 997.5 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में कोरोना की वजह से स्कूल बंद थे। वहीं स्कूलों में मिड डे मील भी नहीं बनवाया जा रहा था। इसलिये बिहार सरकार द्वारा इस पर अपनी ओर से निर्णय लिया गया कि छात्र-छात्राओं को इसके पैसे दिये जायेंगे। नीतीश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से छात्र छात्राओं को मिड डे मील के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। वहीं इसका पूरा खर्च भी बिहार सरकार अपनी ओर से उठा रही है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि दूरदर्शन बिहार से सूबे में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा भी दी जा रही है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कोरोना के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग एवं हर मोर्चें पर बेहतर जंग लड़ी जा रही है। सूबे में राज्य सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिये अस्पताल बनवाये गये हैं। इसको लेकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसके अवाला लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की बार-बार याद दिलवाई जा रही है। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा उन्होंने भी कई बार अपने वाहन से उतरकर लोगों सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने की सलाह दी है। नीतीश कुमार ने कहा इसी का परिणाम है कि आज बिहार में लगातार कोरोना वायरस घट रहा है। सीएम ने कहा कि बिहार कोरोना के खिलाफ रिकवरी दर 88.24 प्रतिशत के साथ भारत में सबसे अच्छी है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में लगातार कोविड-19 परीक्षण क्षमताओं को भी बढ़या गया है। आज, हम प्रति दिन लगभग 1.5 लाख परीक्षण कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि आज सूबे में कोरोना संबंधी जांचों को लेकर कोई शिकायत नहीं है। जो लोग इस पर सवाल उठाते हैं उन्हें कुछ जानकारी ही नहीं होती है। सीएम ने कहा कि लोग खुद कोरोना वायरस की जांच कराने में रुचि दिखा रहे हैं
केंद्र सरकार भी कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में बिहार की कर रही है मदद: सीएम
सीएम नीतश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी से जंग लड़ने में बिहार की केंद्र सरकार द्वारा भी मदद की जा रही है। उन्होंने बताया कि पटना के बिहटा में केंद्र सरकार द्वारा 500 बेड का कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनवाया गया है। इसके अलावा मुजफ्फर पुर में भी एक कोविड केयर 500 बेड का अस्पताल बनवाया जा रहा है। जिससे में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिये आइसीयू, वेंटिलेटर और अन्य सभी जरूरी सुविधायें मौजूद हैं।
कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूती देने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों को किया जा रहा है प्रोत्साहित
नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूती देने के लिये राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनका मनोबल बढ़ाया जा रहा है। सीएम ने बताया कि सूबे में सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना वायरस से लड़ने की एवज में एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जायेगा। इसके अलावा कोरोना से लड़ते वक्त किसी स्वास्थ कर्मी की मौत हो जाती है तो उसके पीड़ित परिजनों की राज्य सरकार द्वारा मदद की जायेगी। सीएम ने कहा कि पीड़ित परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा पर नौकरी दी जायेगी। इसके अलावा पीड़ित परिवार नौकरी नहीं करना चाहता है तो उनको उनकी नौकरी के रिटायरमेंट तक की तारीख तक पूर्ण वेतन दिया जायेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपये के बिमा की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में यादि किसी व्यक्ति की मौत कोरोना महामारी की वजह से होगी तो पीड़ित परिवार के परिजनों को चार लाख रुपये दिये जा रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों के लिये करवाया जा रहा है रोजगार का इंतजाम
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से लौटे लोगों के लिये हमने अप्रैल माह में बसों और ट्रेनों की व्यवस्था करवाई थी। जिनके माध्यम से हजारों लोग बिहार लौटे थे। वहीं उन्होंने कहा कि जो लोग पदैल चल रहे थे वे अपनी मरजी से चल रहे थे। सीएम ने कहा कि बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों के रोजगार के लिये भी राज्य सरकार सजग है। नीतीश कुमार ने कहा कि सूबे में तमाम परियोजनाओं के तहत रोजगार उत्पन्न करने के लिए सरकार प्रयासरत है। दूसरे राज्यों से लौटे लोगों को भी रोजगार मुहैया कराया जा रहा है।
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