डिलीवरी के लिए अस्पतालों में नहीं पहुंच रही गर्भवती महिलाएं, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

डिलीवरी के लिए अस्पतालों में नहीं पहुंच रही गर्भवती महिलाएं, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
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बिहार में जारी कोरोना संक्रमण के बीच गर्भवती महिलाओं को लेकर चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ऐसा कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस के भय की वजह से गर्भवती महिलाएं अस्पतालों में नहीं पहुंच रही हैं।

बिहार (Bihar) में चारों ओर कोरोना संक्रमण (Corona infection) कहर बरपा रहा है। कोरोना से बिहार के सभी जिलों में लोगों के बीच इस कदर हावी है कि गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) ने भी अस्पतालों से किनारा कर लिया है। इस संकट काल में घरों पर ही गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी (Pregnant women delivery) करवाई जा रही हैं।

जानकारी के अनुसार कोरोना संकट काल में बिहार के अस्पतालों (Hospitals) में जन्म की लेने वाले बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। बिहार में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान भी संस्थागत प्रसव की संख्या में कमी आई (Number of institutional deliveries decreased) थी। वहीं प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर भी अस्पतालों में प्रसव के लिए जाने वाली महिलाओं की संख्या कम दर्ज हुई है।

जानकारी के अनुसार बिहार में कोरोना वायरस के दौरान बीते एक साल में अस्पतालों में 25 हजार 281 बच्चों का जन्म कम हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की जानकारियों के अनुसार बिहार में 2019 -20 के दौरान अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच 18 लाख 71 हजार 740 बच्चों का विभिन्न अस्पतालों में जन्म हुआ था। वहीं साल 2020-21 के दौरान अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच 18 लाख 46 हजार 459 बच्चों का जन्म हॉस्पिटलों में हुआ है।

इस वजह से बढ़ी समस्याएं

कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उप केंद्र व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद हैं। इस वजह से ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाओं और शिशुवती महिलाओं को काफी दिक्कतें आ रही हैं। जरूरी चिकित्सकीय सहायता एवं दवाइयां गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवतियों तक आसानी से पहुंचने में मुश्किल हो रही है। दूसरी ओर आशा और नर्स (एएनएम) को भी कोरोना संक्रमण के नियंत्रण कार्यों में लगा दिया गया है। इस वजह से महिलाओं को प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाना पड़ रहा है।

साल 2018- 19 में 17 लाख बच्चों का हई संस्थागत डिलीवरी

बताया जा रहा है कि कोरोना बीमारी के पहले की साल 2018- 19 में लभगभ 17 लाख बच्चों की संस्थागत डिलीवरी हई थी। यानि कि साल 2018- 19 में 16 लाख 84 हजार 128 बच्चों का जन्म हुआ था। बताया जा रहा है कि बिहार में करीब ढाई लाख बच्चों का जन्म घरों में महिलाओं की मदद से होता है। कई बार प्रशिक्षित महिलाएं भी घरों में प्रसव कार्य कराती हैं।

साल में करीब इतनी महिलाएं होती हैं गर्भवती

जानकारी के अनुसार बिहार में हर साल करीब 25 लाख महिलाएं गर्भवती होती हैं। इनमें से करीब-करीब 2 से 3 लाख महिलाओं को ही किसी कारणवश प्रसव में बाधा आती है।

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