पुश्तैनी जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा, बुजुर्ग ने की डीएम से शिकायत

पुश्तैनी जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा, बुजुर्ग ने की डीएम से शिकायत
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बिहार के गोपालगंज जिले (Gopalganj district) में 85 साल का बुजुर्ग की जमीन कुछ दबंगों ने जबरन घेर रखी है। बुजुर्ग व्यक्ति साल 1986 से केस लड़ रहा है। वहीं बुजुर्ग एक बार साल 2005 में कोर्ट से मुकदमा जीत चुका है लेकिन पुलिस प्रशासन (Bihar Police) जमीन को दबंगो से मुक्त नहीं करा सके।

बिहार के गोपालगंज जिले (Gopalganj district) में 85 साल का बुजुर्ग की जमीन कुछ दबंगों ने जबरन घेर रखी है। बुजुर्ग व्यक्ति साल 1986 से केस लड़ रहा है। वहीं बुजुर्ग एक बार साल 2005 में कोर्ट से मुकदमा जीत चुका है लेकिन पुलिस प्रशासन (Bihar Police) जमीन को दबंगो से मुक्त नहीं करा सके। हार थक कर अब बुजुर्ग ने डीएम (DM) से शिकायत की है।

दो दिन पैदल चलकर पहुंचे डीएम ऑफिस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 85 साल के रामाशंकर अपनी जमीन वापस पाने के लिए फुलवरिया थाना और सीओ के ऑफिस की लगातार दौड़ लगाकर थक गए, तब उन्होंने जिलाधिकारी तक अपनी बात पहुंचाने का फैसला किया। इसके लिए वह लगातार 2 दिनों तक पैदल चलकर गोपालगंज के डीएम कार्यालय पहुंचे और वहां जनता दरबार में जमीन वापसी की गुहार लगाई।

दबंगों का है कब्जा

फुलवरिया के तुरकहा गांव के रहने वाले किसान रामाशंकर राय (Farmer Ramashankar Rai) के मुताबिक यह 22 कट्ठा जमीन उनकी पुश्तैनी है, जिसे पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। इसे वापस पाने के लिए वह वर्ष 1986 से मुकदमा (Case) लड़ रहे थे। वर्ष 2005 में कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला भी दे दिया, फिर भी यह जमीन उनके पास नहीं लौटी। इसके बाद लगभग दो दशकों से वह अलग-अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन जमीन अब तक उनके कब्जे में नहीं आ सकी है।

प्रशासन नहीं करा सका जमीन वापस

बुजुर्ग किसान रामाशंकर राय ने बताया कि वे 5 साल से फुलवरिया प्रखंड कार्यालय (Office) का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। कोर्ट से डिग्री मिलने के बाद भी प्रशासन उनकी जमीन वापस नहीं करा सका। थक-हारकर उन्होंने डीएम से मिलकर जमीन वापसी की गुहार लगाई है।

डीएम ने लिया एक्शन

इस मामले में पीड़ित के गुहार लगाने के बाद डीएम ने तत्काल एक्शन लेते हुए सीओ को बुजुर्ग किसान की जमीन दखल कराने का आदेश दिया है। रामाशंकर राय ने बताया कि वह पिछले दो दिनों से डीएम से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पा रही थी। अपने दामाद संजय राय के साथ गोपालगंज समाहरणालय पहुंचे रामाशंकर की मेहनत आखिरकार रंग लाई और डीएम ने उनकी गुहार सुन ली।

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