नीतीश की चालाकी की वजह से विधानसभा सत्र में बाढ़ और कोरोना से जुड़े प्रश्न नहीं पूछ सकेगा विपक्ष : तेजस्वी यादव

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से नीतीश सरकार पर लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म कर देने का आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि तीन अगस्त को बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चलेगा।
सत्र में विपक्ष ज्यादातर कोरोना और बाढ़ से जुड़े प्रश्न पूछने वाला था, इस बात की नीतीश का पूरी जानकारी थी। जिससे नीतीश सरकार ने चालाकी से विधानसभा के मानसूम सत्र की कार्यवाही से बाढ़ और कोरोना को हटा दिया है। यानि कि लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
अब विपक्षी सत्र में बाढ़ और कोरोना से संबंधित प्रश्न सरकार से नहीं पूछ पायेंगे। यानि कि कोरोना, बाढ़ से प्रभावित हुई जनता के मुद्दे विधानसभा में नहीं उठा पायेंगे। ये नहीं पूछ पायेंगे कि कोरोना से निपटने के लिये सरकार क्या कर रही है। कहां कितने डॉक्टर तैनात किये गए हैं। कहा कितना धन खर्च किया गया है और कितना खर्च किया जाना है।
वहीं विधानसभा में बाढ़ को लेकर भी जनता की समस्याएं नहीं उठा पायेंगे। कहां कितने लोग प्रभावित हुए हैं। सूबे में बाढ़ से कितनी जन -धन की हानि हुई है। बिहार में बाढ़ से प्रभावित लोगों के कैसे मदद की गई है। वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकार से 20 - 20 हजार रुपये की देने की मांग की है।
तेजस्वी यादव ने नीतीश के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के कार्यकाल में सूबे में कहीं कोई काम नहीं हो रहा है। वहीं उन्होंने नीतीश कुमार से राजगीर में बनने वाले फिल्म सिटी को सुशांत राजपूत के नाम पर करने की मांग की है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर सुशांत राजपूत के परिवार के लोगों से भी नहीं मिलने का आरोप लगाया है। वहीं तेजस्वी ने सूबे की नीतीश सरकार को निकम्मी करार देते हुए लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से इसके खिलाफ लगातार आवाज उठाने की अपील की है।
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