Doctors Strike: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर, अस्पताल के अंदर-बाहर ईलाज नहीं मिलने तड़प रहे मरीज

पटना समेत पूरे बिहार में स्टाइपेंड राशि बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं। वहीं सूबे में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आज आठ वें दिन भी जारी रही। दूसरी ओर जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से मरीज बुरी तरह से बेहाल है और विभिन्न दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
वहीं पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) पहुंची एक महिला ने बताया कि उनके बेटे का पैर ट्रक की टक्कर लगने की वजह से टूट गया है। वह दर्द से काफी परेशान है और डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं।
पटना: स्टाइपेंड राशि बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 30, 2020
एक महिला ने बताया, "मेरे बेटे का पैर ट्रक की ठोकर लगने से टूट गया है। वह दर्द से काफी परेशान है और डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं।" pic.twitter.com/XKe81cuUa3
बिहार में जूनियर डॉक्टरों की इस हड़ताल की वजह से मरीजों की स्थिति दयनीय हो रही है। मरीज या तो अस्पताल से घर जाने को विवश हैं या फिर अस्पताल के बेड पर ही रात भरोसे पड़े हुए हैं। दूसरी ओर पटना के सबसे बडे सरकारी अस्पताल पीएमसीएच प्रशासन ने हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया है। जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि उनका स्टाइपेंड बढ़ाया जाए।
हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि जनवरी 2020 से ही स्टाइपेंड बढ़ाया जाना था। इस मांग पर डॉक्टर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के पीजी डॉक्टर पिछले आठ दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
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