रसोई में मिलने वाली अदरक समेत इन 3 चीजों का अर्क कोरोना को दे रहा मात, सिर्फ आईसीएमआर से मंजूरी का इंतजार

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कोरोना मरीजों को राहत देने वाली खबर सामने आई है। क्योंकि एम्स पटना ने कोरोना को मात देने के लिए एक और कारगर दवा खोज निकाली है। इस दवा का नाम है फाइटोरिलीफ-सीसी दवा। यह दवा कोरोना मरीजों को जल्द ठीक करने में मददगार है। एम्स पटना के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. योगेश कुमार की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है।

कोरोना वायरस (corona virus) को हराने के संबंध में बिहार (Bihar) के पटना एम्स (Patna AIIMS) से एक राहतभरी खबर आई है। कोरोना संक्रमण से ग्रस्त ऐसे मरीज (corona patient) जो होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे रागियों के लिए पटना एम्स की ओर से बड़ी खुशखबरी दी गई है। क्योंकि अदरक (ginger), हल्दी (turmeric) व अनारदाना के अर्क (Turmeric Anardana Extracts) से बनी फाइटोरिलीफ-सीसी नामक दवा (Phytorelief-CC medicine) का परीक्षण करने के बाद पटना एम्स के डॉक्टरों ने इस दवा के उपयोग की मंजूरी दे दी है। परीक्षण में पता चला है कि कोरोना के हल्के लक्षण एवं होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए एक और दवा सफल हुई है। वैसे पटना एम्स का कहना है कि इसके लिए अभी आइसीएमआर की मजूरी का इंतजार है।

जानकारी के अनुसार पटना एम्स में फाइटोरिलीफ-सीसी दवा का कोरोना को लेकर क्लिनिकल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण 100 लोगों पर किया गया। इस ट्रायल में पाया गया कि जो कोरोना संक्रमित मरीज होम क्वारंटीन में रह रहे थे, उनमें से 83 फीसदी मरीज महज 10 दिनों में ही स्वस्थ हो गए। नॉर्मल कोविड के दवा का उपयोग करते हुए 25 मरीजों में 8 मरीज स्वस्थ हुए। वहीं इस दवा का उपयोग करने वाले 25 मरीजों में 10 मरीज स्वस्थ हुए।

इसपर एम्स पटना के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट सह एडिशनल प्रोफेसर डॉ. योगेश कुमार ने कहा कि 100 मरीजों पर किए गए ट्रायल में यह सिद्ध हुआ है कि फाइटोरिलीफ-सीसी नामक दवा ना सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, बल्कि यह दवा कोरोना पॉजिटिव मरीजों को जल्द ठीक करने में भी कारगर है।

डॉ योगेश ने बताया कि अध्ययन में से सामने आया कि जिन कोरोना संक्रमित मरीजों को मानक के अनुरूप दवा के साथ इसे दिया गया, उन रोगियों में कोरोना संक्रमण तेजी से घटा। इस दवा को लेने वाले रोगियों में एक्यूट इन्फ्लेमेशन, फेफड़ों को नुकसान आदि की जानकारी देने वाले सीआरपी जैसी जांच की रिपोर्ट भी बेहतर रही। फाइटोरिलीफ-सीसी दवा की एक-एक गोली सुबह, दोपहर व शाम को चूसकर लेना रोगियों के लिए काफी लाभदायक रहा।

डॉ योगेश ने बताया कि यह पहले से ही बनाई हुई दवाई है। इस दवा में हल्दी अनार के दानें और अदरक से फैटोरिल निकाल लिया गया है। इसके बाद इन तीनों के फैटोरियल मिलाकर इस दवा को बनाया गया है। यह काफी कारगर दवा है। साथ ही यह दवा रोगियों में इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ सर्दी खासी व बुखार जैसे बीमारी पर बेहतरीन प्रभाव बनाती है। इसका अध्ययन होम आइसोलेशन में रहे कोरोना मरीजों पर पर किया गया। जिसमें बेहतर परिणाम सामने आए हैं।

उन्होंने यह कहा कि अदरक, हल्दी व अनार दानें को सदियों से उनके एंटी वायरल गुणों के लिए जाना जाता है। खांसी, सर्दी, खरास और बुखार के लिए एक कंपनी ने 7 साल पहले फाइटोरिलीफ-सीसी दवा बनाई थी। वहीं ब्रिटेन और अमेरिका में इसका पेटेंट ले रखा है। कोरोना वायरस के हल्के एवं मध्यम लक्षणों में इस फाइटोरिलीफ-सीसी दवा को उपयोगी बताते हुए कंपनी ने फ्री वितरण की बात कही थी।

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