बाप बेटी ने मिलकर बनाया ऐसा रोबोट, कोरोना संकट के बीच मिनटों में कर सकता है सभी खतरनाक काम

बाप बेटी ने मिलकर बनाया ऐसा रोबोट, कोरोना संकट के बीच मिनटों में कर सकता है सभी खतरनाक काम
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कोरोना संक्रमण ने देश, दुनिया में चारों ओर तबाही मचा रखी है। कोरोना संक्रमण की चपेट में डॉटकर भी आ रहे हैं। वहीं डॉक्टरों को कोरोना से बचाने के लिए बिहार के पटना निवासी पिता-पुत्री की जोड़ी ने मेडी रोबोट तैयार किया है।

कोरोना संकट (Corona crisis) के बीच डॉक्टर (doctor) व स्वास्थ्यकर्मी (Health worker) सुरक्षित रहेंगे, तबही तो हमारी सभी की जान बचेगी। इस सोच को साकार करते हुए पटना (Patna) निवासी छात्रा ने अपने पिता के साथ मिलकर मेडी रोबोट (Medi robot) तैयार कर दिया है। यह रोबो पूर्व में बनाए गए रोबोट से अच्छी किस्म का है। इस समय अन्य देशों में बने रोबोट की तुलना में यह कोरोना मरीजों के इलाज (Corona Patients Treatment) में कारगर है।

जानकारी के अनुसार बीआईटी इंजीनियरिंग की छात्रा आकांक्षा ने अपने इनोवेटर पिता योगेश कुमार की सहायता से डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना महामारी से बचाने की मुहिम में एक अनोखा मेडी रोबोट बनाया है। पूर्व में भी पिता-पुत्री (Father-daughter) की जोड़ी ने कोविड-19 महामारी से बचाव की मुहिम में अपने घर को कोविड सुरक्षित बनाने के लिए कई अनोखे इनोवेटिव उपकरण तैयार किए हैं। पिता योगेश बताते हैं कि करोना महामारी के बीच देश-विदेश में बने रोबोट के बेसिक कार्य सर्विलांस, ट्रांसपोर्टेशन, कम्युनिकेशन व सेनेटाइजेशन का कार्य तो यह 'मेडी रोबो' करता ही है, इसके साथ-साथ 'मेडी रोबो' किसी भी मरीज, बेसहारा शख्स का बेसिक मेडिकल परीक्षण प्रामाणिकता के साथ दूर से और रियल टाइम डाटा के साथ करता है।

पिता योगेश ने बताया कि अधिकतर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना मरीज के उपचार के वक्त पॉजिटिव हुए हैं। जब कोरोना काल में हमको बचाने वाले ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो हमारी सुरक्षा कैसे हो पाएगी। देश में रोजाना स्वास्थ्य कर्मियों में बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुए हमने अपनी पुत्री आकांक्षा के साथ विचार-विमर्श किया और एक ऐसे रोबोट बनाने की निर्णय लिया। जो रोबोट बिना डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी के कोरोना मरीज के पास जाए, उसको दवा, पानी, खाना समेत आदि चीजें पहुंचा दे। इसके अलावा कोरोना मरीज का बेसिक स्वास्थ परीक्षण कर पाए। योगेश के अनुसार बेसिक रोबोट का प्रोटोटाइप इन्होंने पिछले साल में ही पहले लॉकडाउन में बना लिया था। लेकिन इस 'मेडी रोबो' को तकनीकी रूप से काफी सक्षम व उपयोगी बनाने में समय लगा। इस रोबो के वर्तमान स्वरूप और कार्य को देख, आपको यह भरोसा नहीं होगा कि एक घर में माइक्रो कंट्रोलर या र्कोंडग की मदद से यह अत्याधुनिक मल्टी परपस रोबोट बना है। इस रोबोट को तैयार करने में 3 महीने और लगभग एक लाख रुपये का खर्च आया है।

हाई रेज्यूलेशन कैमरा लैस है रोबोट

योगेश ने बताया कि इस रोबोट में हाई रेज्यूलेशन नाईट विजन कैमरा लगा है। जो कैमरा 360 डिग्री घूम कर सर्विलांस का काम करता है। यह कैमरा डॉक्टर और मरीज के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से बातचीत कराने भी उपयोगी है। उन्होंने बताया कि यह रोबोट कम और संकरी जगह पर भी कारगर है। इस रोबोट में आपातकालिन स्थिति में ऑक्सीजन, प्राण रक्षक दवा और नेब्यूलाइजर के लिए उपयोग करने की भी व्यवस्था है। यह रोबोट केमिकल व यूवी लाइट द्वारा सेनेटाइजेशन का कार्य भी करता है।

डॉक्टरों ने भी रोबोट में दिये सुझाव

इस रोबोट को तैयार करने में अहम भूमिका अदा करने वाली इलेक्ट्रॉनिक इंजीनिर्यंरग के अंतिम वर्ष की छात्रा आकांक्षा ने बताया कि केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद, पटना एम्स की डॉक्टर अपूर्वा समेत कई डॉक्टरों ने इस रोबोट में कई सुझाव दिये और इस रोबोट की इन सभी के द्वारा सराहना भी की गई।

केंद्र, राज्य सरकार को भेजा रोबोट

छात्रा आकांक्षा ने बताया कि इस रोबोट को हमने केंद्र, राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालय एवं विभाग को भी भेजा है। बड़े स्तर पर इसका निर्माण कर देश विदेश में इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सके। इसके लिए हमने मेकाट्रॉनिका इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी भी बनाई है। मानव संसाधन मंत्रालय के अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के छात्र विश्वकर्मा अवार्ड के फाइनल राउंड के लिए रोबोट का चयन हुआ है। अभी अवार्ड का ऐलान नहीं हुआ है।

मरीजों की कई तरह की जांच कर सकता है यह रोबोट

छात्रा आकांक्षा ने बताया कि उनका रोबोट मरीज का वजन, तापमान, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय गति, ब्लड प्रेशर, रक्त में ग्लूकोज की मात्रा आदि की जांच करता है। यह ईसीजी. व वायरलेस स्टेथेस्कोप से भी लैस है। यह रोबोट सभी जांच रिपोर्ट को दूर बैठे डॉक्टर के पास पहुंचा सकता है।

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