पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को भेजा गया आंध्रप्रदेश, दो नए जज मिले

पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को भेजा गया आंध्रप्रदेश, दो नए जज मिले
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बिहार के पटना हाईकोर्ट में दो नए जज नियुक्त हुए हैं। केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति को आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट भेजा गया है। वहीं केरल उच्च न्यायालय से अनंत मनोहर बदर को पटना हाईकोर्ट भेजा गया है।

केंद्रीय कानून मंत्रालय (Union Law Ministry) द्वारा बुधवार को पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के महानिबंधक नवनीत कुमार पांडेय और रजिस्ट्रार विजलेंस सुनील कुमार पंवार को पटना उच्च न्यायालय में जज नियुक्त किया गया है। वहीं केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) से अनंत मनोहर बदर को पटना हाईकोर्ट भेज दिया गया है। इसके अलावा पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) भेज दिया गया है।

जानकारी के अनुसार पटना उच्च न्यायालय में जजों के कुल 53 स्वीकृत पद हैं। वर्तमान में स्वीकृत पद के आधे से भी कम जजों के सहयोग से मामलों की सुनवाई हो रही है। पटना उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश और 18 जज हैं। वहीं दो नवनियुक्त जजों के आ जाने के बाद यह संख्या बढ़कर 21 हो गई है। वहीं पटना उच्च न्यायालय में धीरे-धीरे लंबित मुकदमों की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं।

वर्तमान में पटना हाईकोर्ट में कुल लंबित मुकदमों की संख्या 2 लाख 27 हजार 385 के करीब है। जिसमें क्रमिनल केस की संख्या एक लाख 15 हजार 379 के करीब है तो वहीं सिविल मुकदमों की संख्या एक लाख 12 हजार 6 है। कई ऐसे मुकदमें भी हैं जो मामला दायर होने के बाद अब तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध तक नहीं हो सके है। कई ऐसे केस हैं जो बीते 5 वर्ष से एक बार भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हो सके हैं। अमूमन यही स्थिति बिहार की निचली अदालतों की है। निचली अदालतों में भी जजों की भारी कमी है व मामलों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

वहीं पटना उच्च न्यायालय एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि जजों की कमी व केसों की संख्या में बढ़ोतरी होने की वजह से समस्या गंभीर बन गई है। वहीं उच्च न्यायालय में बेल का मामला लंबित रहने की वजह से प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक लोग हैं। दूसरी ओर अग्रिम बेल अर्जी पर सुनवाई नहीं होने की वजह से पुलिस उन्हें अरेस्ट कर जेल भेज रही है। दूसरी ओर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने नवनियुक्त केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से मिलकर जजों की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। साथ ही जल्द ही जजों की बहाली करने का निवेदन किया गया है।

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