हाईकोर्ट ने कोरोना से निपटने की सरकारी व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल, ऑक्सीजन का मुद्दा भी उठाया

बिहार (Bihar) में तेजी से नए कोरोना संक्रमितों (New corona infects) की संख्या बढ़ रही है। बिहार में कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या भी लगातार इजाफा दर्ज हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार बिहार में बुधवार को भी रिकॉर्ड 12 हजार 222 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए। ये स्थितियां प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है।
बिहार में कोरोना महामारी की वजह से जारी कहर के बीच पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने भी मामले पर सुनवाई की। साथ ही पटना हाईकोर्ट ने बिहार में कोरोना कहर से निपटने को लेकर राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं पर असंतोष जाहिर किया है। बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना वायरस से बिगड़ रहे हालातों पर सुनवाई की। पटना हाईकोर्ट में जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में कोरोना संकट से निपटे के लिए की जा रही कार्रवाई के संबंध में हलफनामा दायर किया। लेकिन हाईकोर्ट कोरोना के संबंध में प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं दिखा।
हाईकोर्ट ने पटना समेत अन्य जिलों में ऑक्सीजन सिलेंडर समेत मरीजों के इलाज के लिए अब तक की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी है। सुनवाई के दौरान अदालत में राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं एआईआईएमएस के निदेशक ने एनएमसीएच, पटना के हालात का जायजा लेने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत किया।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यह जानकारी मांगी कि बिहार के कोटे में कितने ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं। इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
अपको बता दें बीते 24 घंटे में बिहार में 12 हजार 222 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं राज्य में कोरोना सक्रिय मरीजों की संख्या 63746 पर जा पहुंची है। राज्य में 24 घंटे में 56 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हुई है।
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