पटना शहर में जाम से लोग परेशान, एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण से मिलेगा छुटकारा

एम्स-दीघा पटना एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के निर्माण पर 1289 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। बिहार सरकार ने सोमवार को एम्स-दीघा पटना एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना का पूरा विवरण जारी कर दिया है। एम्स-दीघा पटना एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के निर्माण का उद्देश्य पटना एम्स अस्पताल को बिहार राज्य के सुदूर इलाकों एवं उत्तर बिहार से द्रुत गति संपर्कता उपलब्ध कराने के लिये की गई है। यह परियोजना एनएच-98 के किलोमीटर 6+600 से शुरू होकर जेपी सेतु के दक्षिण छोर पहुंच पथ किलोमीटर 12+270 (दीघा) में समाप्त होती है।
इस एलिवेटेड कॉरिडोर की कुल लंबाई 12.27 किलोमीटर है। बिहार में इस प्रकार की यह पहली एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना है। इस परियोजना में सोन नहर के ऊपर 845 किलोमीटर की चार लेन एलिवेटेड रोड, पहुंच पथ में दो लेन व चार लेन रोड का निर्माण पहुंच पथ में किया गया है। परियोजना का निर्माण बिहार सरकार उपक्रम बिहार राज्य पथ निगम लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा है।
परियोजना में पटना - मुगलसराय रेलखंड (दानापुर रेलवे स्टेशन के निकट) ऊपर एक आरओबी का निर्माण कराया गया है। जिसकी लंबाई 106 मीटर है। यह आरओबी भारत का सबसे लंबा सिंगल ओपन ओपन वेब स्टील गर्डर आरओबी है।
इस एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के निर्माण के बाद पटना शहर को जाम से छुटकारा मिलने में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा जेपी सेतु से परिचालित होने वाले यातायात को उत्तर बिहार जाने एवं नौबतपुर व औरंगाबाद समेत विभिन्न जगहों के लिये जाने में काफी सहुलीयत मिलेगी। जानकारी के अनुसार इस परियोजना में केवल दीघा में अवस्थित का कार्य शेष है।
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