साइकिल गर्ल ज्योति को प्रियंका गांधी ने दिया ये भरोसा तो भाजपा-कांग्रेस के बीच छिड़ी नई जंग

दरभंगा (Darbhanga) समेत पूरे बिहार (Bihar) में साइकिल गर्ल (cycle girl) के नाम से प्रसिद्ध ज्योति पासवान के पिता के निधन (Jyoti Paswan's father passes away) की जानकारी मिलने के बाद गुरुवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी (Congress general secretary Priyanka Gandhi) ने फोन पर ज्योति पासवान से बातचीत की। प्रियंका गांधी ने ढाढस देते हुए साइकिल गर्ल की हिम्मत बढ़ाई, साथ ही भरोसा दिया कि वो हर परिस्थिति में इनके (साइकिल गर्ल) के साथ हैं। प्रियंका गांधी व साइकिल गर्ल ज्योति पासवान के बीच हुई टेलिफोन बातचीत (Telephone conversation with cycle girl Jyoti Paswan) के बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई है।
दरभंगा के नगर भाजपा विधायक संजय सरावगी (BJP MLA Sanjay Saraogi) ने इस टेलिफोन बातचीत के मामले को दलित कार्ड की सियासत से जोड़ दिया है। साथ ही विधायक ने आरोप लगाया है कि साइकिल गर्ल ज्योति पासवान (cycle girl jyoti paswan) के चेहरे को आगे रख कर प्रियंका गांधी अपना चेहरा चमकाने का प्रयास करना चाहती हैं। विधायक ने प्रियंका गांधी के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस (Congress) को जनता ने किनारे कर दिया। ये लोग देश में कहीं किसी सीन में भी नहीं हैं। इसलिए मीडिया में बने रहने के के लिए प्रियंका गांधी ने टेलीफोन पर ज्योति पासवान से केवल बातचीत की है। जिससे वो भी सुर्खियां हासिल कर सकें।
भाजपा विधायक ने कांग्रेस के खिलाफ किया ये वार
भाजपा विधायक संजय सरावगी ने कांग्रेस को मृतप्रायः पार्टी करार हुए कहा कि लोगों ने इस पार्टी को नकार दिया है। साथ ही उन्होंने ने सवाल किया कि वैसे साल भर के बाद प्रियंका गांधी को ज्योति पासवान की याद आई है। प्रियंका गांधी इतने दिनों तक कहां थीं। आज भी मदद के नाम पर प्रियंका गांधी ने बस एक फोन से बातचीत कराने के अलावा ज्योति पासवान की क्या मदद की है। विधायक ने बताया कि ज्योति पासवान की पढ़ाई का जिम्मेदारी पहले से ही बिहार सरकार (Bihar Government) उठा चुकी है। उन्होंने बताया कि वैसे भी बिहार में लड़कियों के लिए पढ़ाई-लिखाई बिल्कुल फ्री है।
कांग्रेस की ओर से भी किया गया पलटवार
भाजपा नेता संजय सरावगी की बयानबाजी के खिलाफ में कांग्रेस नेता डॉक्टर मशकूर अहमद उस्मानी ने पलटवार किया है। उस्मानी ने कहा कि हमने तो कभी नहीं कहा कि मेरी बहन दलित है। ज्योति पासवान का भाई हिमांशु है। उसका चेहरा देखिये और मेरा चेहरा देखिए, लगता है कि मैं मुस्लिम हूं व ये दलित है। भाजपा के लोग सियासत कर रहे हैं। उनको हम ये ही कहेंगे कि आप अपना धार्मिक व जाति का चश्मा उतार लीजिये। वो वक्त कोई और था जब बिहार में कहा जाता था कि जाति नहीं जाती। पर मैं ये कह रहा हूं कि जाति बिल्कुल जाती है।
मशकूर अहमद उस्मानी ने कहा कि इस वजह से ही ज्योति पासवान का भाई हिमांश मेरा छोटा भाई है। इसपर किसी को भी कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। ये समाज को जोड़ने वाली सोच है। यदि ज्योति पासवान को पढ़ाना सियासत है तो कीजिये आप लोग भी जिससे समाज का हर बच्चा पढ़ लिख कर आगे बढ़ जाए।
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