फिरौती के 10 लाख रुपये देने के बाद भी अपहरणकर्ताओं ने एलजेपी नेता को नहीं किया रिहा, समर्थकों में भारी आक्रोश

कोरोना संकट (Corona crisis) के बीच भी बिहार (Bihar) में अपराधी (Criminal) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अब बदमाशों ने पूर्णिया (Purnia) जिले में चौंकाने वाली आपराधिक वारदात (Shocking criminal incident) को अंजाम दिया है। जानकारी के अनुसार पूर्णिया जिले के खजांची हाट थाना क्षेत्र से गुरुवार को एलजेपी नेता (LJP leader) सह आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल उरांव के अपहरण (Anil Oraon kidnapped) को करीब 36 घंटे बाद भी बरामद नहीं किया गया है। इससे स्थानीय लोगों और उनके समर्थकों में आक्रोश देखा जा रहा है। एलजेपी नेता अनिल उरांव (LJP leader Anil Oraon) के अपहरण के विरोध में उनके समर्थकों ने शनिवार को शहर में रोड जाम कर दिया है। जिससे शहर में आवागमन पूरी तरह ठप्प हो गया है। प्रदर्शकारियों ने कई जगह टायर जलाकर भी विरोध जाहिर किया है। साथ ही वो इस मामले में पुलिस प्रशासन (Police administration) के खिलाफ लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं।
पूर्णिया में लोजपा के प्रमुख नेता का अपहरण कर लिया गया है. लोक जनशक्ति पार्टी के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष #अनिल_उरांव को अगवा कर लिया गया है. अपहर्ताओं ने उनके परिजनों से 10 लाख रूपये फिरौती मांगी है. पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है लेकिन अपहर्ताओं का सुराग नहीं मिल pic.twitter.com/gbELGF8T4n
— James Manoher Barla Prince (@JamesManoher) April 30, 2021
अनिल उरांव के परिजन विजय उरांव ने बताया कि गुरुवार को शहर से अनिल उरांव को अगवा कर लिया गया। उसके बाद बदमाशों ने उनकी रिहाई के लिए 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी। शुक्रवार को अपहरणकर्ताओं को 10 लाख रुपये दे भी दिये गए। इसके बाद बदमाशों ने कहा कि आधा घंटे में अनिल उरांव को रिहा कर दिया जाएगा। लेकिन 36 घंटे से ज्याद समय बीत चुका है। लेकिन समाचार लिखे जाने तक एलजेपी नेता अनिल उरांव को नहीं छोड़ा गया है।
विजय उरांव ने आरोप लगाया कि पुलिस भी इस मामले को लेकर सही ढ़ंग से कार्य नहीं कर रही है। पुलिसिया रवैये के विरोध में उन लोगों को मजबूरन सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। विजय ने चेताया कि अनिल उरांव की जल्द बरामदगी नहीं हुई तो यह आंदोलन और भी तेज हो जाएगा।
याद रहे अनिल उरांव दो बार कटिहार के मनिहारी से लेजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वह एलजेपी के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उनके अपहरण की सूचना से परिजन भी पूरी तरह से दुखी हैं। वहीं समर्थक भी पूरी तरह से आक्रोश में हैं। एलजेपी नेता अनिल उरांव का घर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के बगल स्थित जेपी नगर में है। उनके पिता जे पी उरांव भी आदिवासियों के बड़े नेता माने जाते थे। अनिल उरांव की बहन सीमा उरांव पूर्व में बिहार महिला आयोग के सदस्य रह चुकी थीं। सीमा उरांव ने ही गुरुवार की शाम को खजांची हाट थाना में अनिल उरांव के गुम हो जाने के संबंध में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद भी अभी तक बरामदगी नहीं हो पाई है और समर्थकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
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