गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई करेगी नीतीश सरकार

बिहार सरकार (Bihar government) की ओर से राज्य के गन्ना किसानों (sugarcane farmers) के लिए खुशखबरी सामने आई है। क्योंकि कृषि विभाग (Agriculture Department) राज्य में फसल को हुए नुकसान का आकलन करेगा। इस दौरान विभाग गन्ना फसल को हुई क्षति (sugarcane crop damage) का भी आकलन करेगा। वहीं सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों को भी फसल की क्षतिपूर्ति प्रदान करेगी (Sugarcane farmers will get compensation)। राज्य में गन्ने की खेती को गन्ना उद्योग विभाग नियंत्रित करता है। कहा जा रहा है कि बिहार सरकार के इस निर्णय से राज्य में तीन लाख हेक्टेयर भूमि में गन्ना की फसल उगाने वाले लाखों किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है। गन्ना किसानों के हित को लेकर कृषि सचिव ने उक्त आदेश गुरुवार को जारी किया।
प्रेस विज्ञप्ति -
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) July 8, 2021
अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ना फसल का भी क्षति आकलित करेगा कृषि विभाग#BiharAgricultureDept pic.twitter.com/sCf2hsb0nx
आदेश में कहा गया है कि सुखाड़, बाढ़, असमय अधिक वर्षा और अन्य सभी प्राकृतिक आपदाओं में फसल नुकसान का आकलन जब भी किया जाए, उसी वक्त गन्ना फसल को हुई क्षति के नुकसान का आकलन भी अलग से जरूर करें। कृषि विभाग की तरफ से ये निर्देश सभी कृषि अधिकारियों को भेजा गया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से सूबे में गन्ना उगाने वाले किसानों को नियम के तहत कृषि इनपुट अनुदान पर फायदा मिल सकेगा।
कृषि विभाग के अनुसार राज्य में अनाज व फसलों के अलावा गन्ने की खेती भी मुख्य नकदी फसल के रूप में मानी जाती है। राज्य में करीब ढाई से 3 लाख हेक्टेयर भूमि में लाखों किसान गन्ना की फसल उगाते हैं। बिहार से सबसे अधिक गन्ना की खेती पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, गोपालगंज व मुजफ्फरपुर जिलों में होती है।
आपको बता दें बाढ़ आने पर कृषि विभाग विभिन्न फसलों को होने वाले नुकसान का आकलन तो अब तक करता रहा है। पर इसमें गन्ने की खेती की क्षति का आकलन नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब अन्य फसलों के साथ गन्ने की खेती के नुकसान का भी आकलन होगा। सरकार के इस फैसले से बिहार के गन्ना उत्पादक किसानों को एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
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