बिहार का लाल राजौरी विस्फोट में शहीद, छठ पर माता-पिता से घर आने का किया था वादा

बिहार का लाल राजौरी विस्फोट में शहीद, छठ पर माता-पिता से घर आने का किया था वादा
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बिहार के बेगूसराय निवासी शहीद सैन्य अधिकारी ऋषि ने करीब एक वर्ष पहले सेना ज्वाइन की थी। वहीं ऋषि को कुछ दिन पूर्व ही जम्मू-कश्मीर के नौसेरा सेक्टर में तैनाती हुई थी। शनिवार की शाम को पाकिस्तान के बॉर्डर क्षेत्र में गश्ती के वक्त विस्फोट हुआ व ऋषि शहीद हो गए।

कश्मीर (Kashmir) के राजौरी (Rajouri) जिले में नियंत्रण रेखा के निकट शनिवार शाम एक लैंडमाइन ब्लास्ट (landmine blast) हुआ। जिसमें सेना के अधिकारी एवं बेगूसराय (Begusarai) के लाल ऋषि रंजन शहीद हो गए। ऋषि रंजन अन्य जवानों के साथ राजौरी (Rajouri) जिले के नौवेशरा के लाम सेक्टर में कलाल क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। नियमित गश्त करते वक्त नियंत्रण रेखा के पास एक लैंडमाइन ब्लास्ट हो गया।

सेना के पांच जवान अचानक हुए इस विस्फोट की चपेट में आ गए। इस हादसे में एक लेफ्टिनेंट व चार जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घायल जवानों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन की उपचार के क्रम में मौत हो गई। ऋषि रंजन का परिवार बिहार में बेगूसराय के पिपरा मोहल्ला में रहता है। ऋषि राजीव रंजन सिंह के बेटे थे। ऋषि के शहीद होने की सूचना मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। इसके अलावा पूरे बेगूसराय में शोक की लहर छा गई है।

घर में पिता व माता जी सरिता देवी समेत अन्य करीबियों के रोने बिलखने से माहौल गमगीन है। 3 भाई बहनों में ऋषि रंजन दूसरे नंबर पर थे। एक महीना पहले ही ऋषि की तैनाती जम्मू-कश्मीर के नौसेरा सेक्टर में हुई थी। शहीद ऋषि लेफ्टिनेंट की बड़ी बहन भी सेना में मेजर के पद पर तैनात हैं। शहीद ऋषि परिवार का इकलौता बेटा था।

शहीद होने से पूर्व ऋषि ने अपने परिवार के लोगों से बातचीत की थी। ऋषि ने अपने परिजनों को बताया था कि छठ में छुट्टी मिलेगी। रूंधे स्वर में रोते- बिलखते परिजनों ने कहा कि छठ में छुट्टी नहीं मिली है। पर बाद में छुट्टी स्वीकृत हो चुकी है। ऋषि ने 22 नवंबर को बेगूसराय आने के बारे में बताया था। पर ऋषि को क्या मालूम था कि शनिवार का दिन उनके जीवन का अंतिम दिन होगा।

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