बेटा ओसामा की मौजूदगी में शहाबुद्दीन दिल्ली में दफन, तेजस्वी यादव से जुड़ी वीडियो आई सामने

राजद (RJD) के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन (Shahabuddin) के पार्थिव शरीर को सोमवार को दिल्ली (Delhi) के आईटीओ (ITO) कब्रगाह में दफन कर दिया गया। उनकी अंतिम यात्रा में बेटे ओसामा समेत बड़ी संख्या में शहाबुद्दीन के समर्थक शामिल हुए। इस दौरान ऐसा मौका भी सामने आया कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के खिलाफ नारे लगाए गए।
पत्रकार - एक ट्वीट है, राजद @RJDforIndia आपको सपोर्ट नहीं कर रहा?
— Jayant Jigyasu (@jayantjigyasu) May 3, 2021
ओसामा शहाब - "नहीं, नहीं। वो सब फर्ज़ी है। कुछ भी (वीडियो) बन रही है भाई. टोटली फर्ज़ी है... हम किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक्टिव नहीं हैं." pic.twitter.com/l7kejiyXnn
तेजस्वी पर लगाए आरोप खारिज करती वीडियो आई सामने
सोमवार को शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब (Osama shahab) के नाम से लगातार ट्वीट हो रहे थे। जिनमें राजद और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के खिलाफ तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे थे। वहीं इन आरोपों को खारिज करती हुई एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। जिसमें राजद आपको सपोर्ट नहीं कर रहा है के सवाल पर ओसामा शहाब ने कहा कि नहीं, नहीं। वो सब फर्जी है। कुछ भी (वीडियो) बन रही हैं भाई। सभी फर्जी हैं। हम किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर सक्रिय नहीं हैं।
याद रहे शहाबुद्दीन के निधन को लेकर बिहार से लेकर दिल्ली तक जमकर राजनीति हो रही थी। लेकिन सोमवार की दोपहर में शहाबुद्दीन का जनाजा लेकर उनके बेटे ओसामा दिल्ली के आईटीओ कब्रगाह आए। जिसके बाद शहाबुद्दीन के पार्थिव शरीर को यहां सुपुर्दे खाक कर दिया गया। इस दौरान मौके पर मौजूद राजद के वरिष्ठ नेता सह पूर्व प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन साहब के मौत के बाद कुछ लोग गुमराही की राजनीति में लग गए हैं। इन स्थितियों के बीच इन लोगों से होशियार रहना होगा। क्योंकि वो लोग मो शहाबुद्दीन साहब की मौत की साजिश में संलिप्त लोगों को बचाने के मकसद से ऐसा कर रहे हैं। इस मामले को दूसरे ओर मोड़ने का प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम पहले दिन से कह रहे हैं कि सिस्टम ने शहाबुद्दीन साहब के साथ साजिश की है। साथ ही इस साजिश में तिहाड़ जेल प्रशासन और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की अहम भूमिका रही है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। वहीं शहाबुद्दीन की अंतिम यात्रा के दौरान मौके पर मौजूद आप के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि मो. शहाबुद्दीन को बटला हाउस, शाहीन बाग या दिल्ली गेट कब्रिस्तान में दफनाना चाहते थे। पर पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी, जो सही नहीं है। इतना ही नही इन्होंने यह भी कहा कि हम तो चाहते थे कि उनके परिवार की मांग पर बिहार के सिवान में दफनाने की अनुमति मिले। लेकिन ऐसा भी नहीं हो पाया।
समर्थक भड़के तो लालू परिवार बैकफुट पर आया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शहाबुद्दीन के अंतिम संस्कार के समय उनके समर्थक भड़क उठे। जिसके बाद लालू यादव के छोटे एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ ट्वीट करके पूरे मामले पर सफाई दी। तेजस्वी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर मामले पर सफाई दी। तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि राजद शहाबुद्दीन के परिवार वालों के साथ मजबूती से खड़ी रही है। वहीं आगे भी रहेगी। तेजस्वी ने यह भी कहा कि उन्होंने और उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने मो शहाबुद्दीन के इलाज से लेकर उनके शव को सिवान ले जाने के लिए तमाम प्रयास किया है। लेकिन सफल नहीं हो पाए हैं।
तेजस्वी ने यह भी लिखा कि हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मगफिरत की दुआ करते हैं व प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मकाम मिले। शहाबुद्दीन का निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। राजद उनके परिवार वालों के साथ हर स्थिति में साथ खड़ी रही है, आगे भी रहेगी। उन्होंने यह भी लिखा है कि इलाज के सारे इंतजामात से लेकर मय्यत को घरवालों की मर्जी के मुताबिक उनके आबाई वतन सीवान में सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए मैंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने खुद तमाम प्रयास किया ,परिजनों के सम्पर्क में रहें। लेकिन सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।
तेजस्वी यादव ने बताया कि शासन-प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर अड़ियल रवैया बनाए रखा। पोस्टमॉर्टम के बाद प्रशासन उन्हें कहीं और दफनाना चाह रहा था। पर आखिर में कमिश्नर से बात कर परिजनों द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से एक आईटीओ कब्रिस्तान की अनुमति दिलाई गई। ईश्वर मरहूम को जन्नत में आला मकाम दे।
याद रहे शनिवार को शहाबुद्दीन का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया था। तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन को कोरोना संक्रमण हो गया था। उसके बाद उनको दिल्ली स्थित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहाबुद्दीन की मौत पर विभिन्न सवाल खड़े हुए। शहाबुद्दीन के परिजनों ने कहना था कि उनकी आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इस स्थिति में साबित होता है कि कोरोना से उनकी मौत नहीं हुई। रिपोर्ट आने के बाद रविवार को शहाबुद्दीन के शव को दफनाने से रोक दिया गया था।
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