निजीकरण पर तेजस्वी यादव ने साधा निशाना, पूछा- साहब आंगन बेचकर घर चलाना कौन सी काबिलियत?

केंद्र सरकार (central government) निजीकरण (Privatization) को लेकर कई निर्णय ले रही है। नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) के इन निर्णयों का कई विपक्षी पार्टियों ने विरोध करना स्टार्ट कर दिया है। कांग्रेस (Congress) तो सरकार के निजीकरण के फैसले का पहले से ही विरोध (Opposition to the decision of privatization) कर रही है। वहीं सरकार के इस फैसले के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल पार्टी (Rashtriya Janata Dal Party) भी आ गई है। नेता प्रति पक्ष एवं राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwai Yadav) ने अब केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ में सवाल उठाया है। इसको लेकर तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
केंद्र में बैठे नीम हकीमों ने अच्छी खासी दौड़ रही अर्थव्यवस्था को इतना बीमार कर दिया है कि अब इसका रेंगना भी दूभर हो गया है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 25, 2021
अब इसे ज़िंदा रखने के लिए इसी के अंग काट-काटकर देश की संपत्ति ये झोलाछाप निजी हाथों में बेच रहे हैं। आँगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है,साहब?
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि केंद्र में बैठे नीम हकीमों ने अच्छी खासी दौड़ रही अर्थव्यवस्था को इतना बीमार कर दिया है कि अब इसका रेंगना भी मुश्किल हो गया है।अब इस अर्थव्यवस्था को जीवित रखने के लिए इसी के अंग काट-काटकर देश की संपत्ति ये झोलाछाप निजी हाथों में बेच रहे हैं। साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा कि आंगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है, साहब?
तेजस्वी यादव ने अन्य ट्वीट में लिखा कि भारत अत्यंत सामिजक आर्थिक असामनता वाला देश है। यदि प्राइवेट क्षेत्र, जिसका एकमात्र उदेश्य ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना होता है। यदि इन चीजों को इनको ही बेच दिया जाएगा तो कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा कैसे हो पाएगी? वहीं तेजस्वी यादव ने लिखा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, नौकरी सभी कुछ कमजोर वर्गों की पहुंच से बाहर हो जायेगा।
ऐसे संपत्ति जुटा रही केंद्र सरकार
आपको बता दें केंद्र की मोदी सरकार ने नेशनल मोनेटिजेशन पाइपलाइन के माध्यम से सरकारी संपत्तियों में हिस्सेदारी बेचककर या लीज पर देकर 6 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार का निर्णय है कि लीज देने का प्रोसेस 4 वर्षों तक चरणबद्ध तरीके से यानी कि 2025 तक चलेगा। केंद्र सरकार के इस निर्णय के मद्देनजर रोड, रेल व एयरपोर्ट को निर्धारित सीमा के लिए लीज पर दिए जाएंगे। लेकिन इनका मालिकाना अधिकार सरकार के पास ही होगा। विपक्षी पार्टियां गोलबंद होकर केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं।
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