सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेगा इतना इनाम, परिवहन विभाग ने तैयार किया ये प्रस्ताव

सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेगा इतना इनाम, परिवहन विभाग ने तैयार किया ये प्रस्ताव
X
बिहार में सड़क हादसे के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों की संख्या काफी कम है। इस वजह से कई लोगों की मौत हो जाती है। वहीं अब इसमें सुधार लाने के लिए राज्य परिवहन विभाग की ओर से बड़ा कदम उठाए जाने का ऐलान किया गया है।

कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक नियम बनाया गया था। जिसमें सड़क दुर्घटना में हुए घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों से किसी प्रकार की पूछताछ नहीं किए जाने की बात कही गई थी। जिससे लोग इसको बेवजह पचड़े की बात समझकर अपनी जिम्मेदारियों से दूर ना भागें। अब बिहार सरकार की ओर से इसमें और सुधार कर दिया है। राज्य परिवहन विभाग ने सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले शख्स को 5 हजार रुपये इनाम के रूप में दिए जाने की बात कही है। वैसे यह प्रस्ताव अभी शुरुआती दौर में है व इसको जल्द ही मंजूरी के लिए नीतीश कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।

समझा जाता है कि सड़क हादसे के बाद अगला एक घंटा घायल के लिए गोल्डन आवर है। यदि इस दौरान इलाज की सुविधा मिलती है तो मरीज की जान बचने की संभावना ज्यादा हो जाती है। वहीं बिहार में सड़क हादसों के आंकड़ों पर गोर की जाए तो सड़क हादसा होने के बाद घायल लोगों को अस्पताल पहुचाने वालों की संख्या काफी कम है। बिहार में दुर्घटना के बाद गोल्डन आवर (एक घंटे का समय) में इलाज नहीं मिल पाने की वजह से अधिक मौतें होती हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए परिवहन विभाग ने सहायता करने वाले लोगों के लिए 5 हजार रुपये इनाम देने का निर्णय लिया है।

अब तक ऐसे लोगों को सिर्फ स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाता रहा है। इसके तहत 2018 में 70, 2019 में 117, 2020 में 245 व 2021 में 165 लोग सम्मानित हो चुके हैं। परिवहन विभाग को उम्मीद है कि नकदी देने से अच्छे लोगों की संख्या बढ़ेगी।

मदद करने वालों से पूछताछ का प्रावधान नहीं

सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की बेहिचक मदद करने वालों को पुलिस जबरन गवाह नहीं बना सकती है। घायल व्यक्ति की मदद करने वाले से पुलिस अधिकारी अपना नाम, पहचान व पता देने के लिए दबाव नहीं बना सकता है। यदि घायल की मदद करने वाला कोई शख्स पुलिस थाने में स्वेच्छा से जाने का चयन करता है तो उससे बिना किसी अनुचित विलंब के एक तर्कसंगत और समयबद्ध रूप से एक ही बार में पूछताछ की जाएगी। गुड सेमेरिटन को पुलिस व अस्पताल प्रशासन से किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा गुड सेमेरिटन से संबंधित प्रावधानों को बोर्ड पर मुद्रित करा कर सभी 38 जिलों में अहम स्थानों जैसे सरकारी कार्यालय परिसर, अस्पताल परिसर के मुख्य जगहों पर लगाये गए हैं।

Tags

Next Story