इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत, जेसीबी पर निकालनी पड़ी अंतिम यात्रा, शर्मसार करने वाली है वजह

इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत, जेसीबी पर निकालनी पड़ी अंतिम यात्रा, शर्मसार करने वाली है वजह
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कोरोना संकट के बीच बिहार में इनसानियत भी दम तोड़ रही है। ऐसा ही एक मामला छपरा जिले से सामने आया है। यहां एक युवक की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। यहां पर कोरोना संक्रमण के भय की वजह से उसके शव को किसी ने भी हाथ नहीं लगाया।

बिहार (Bihar) में कोरोना संक्रमण (Corona infection) की वजह से स्थितियां भयावह हो गई हैं। सूबे में कोरोना काल में मानवता भी आए दिन शर्मसार (Humanity shaming) हो रही है। ऐसा ही एक मामला बिहार के छपरा जिले (Chapra District) से सामने आया है। यहां इलाज के अभाव में एक युवक की मौत (Death) हो गई थी। यहां कोरोना वायरस (Corona Virus) का भय इतना कायम है कि किसी ने युवक के शव को हाथ तक नहीं लगाया। इसके बाद कुछ समाजसेवियों की पहल पर जेसीबी की मदद लेकर अंतिम संस्कार के तहत युवक के शव को दफनाया गया। बताया जा रहा है कि मौत के बाद युवक के शव को कुत्ते खींच कर ले जा रहे थे। जिसपर लोगों की नजर पड़ी, उसके बाद यह कदम उठाया गया।

जानकारी के अनुसार छपरा जिले के मांझी के सलेमपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बरामदे में पड़े एक युवक ने इलाज के आभाव में दम तोड़ ही दिया था। कई दिनों से उक्त युवक बीमार अवस्था में विद्यालय के बरामदे में पड़ा हुआ था। इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई। लेकिन इस बीमार युवक की किसी ने भी सुध नहीं ली। जिसकी वजह से इलाज के अभाव में युवक की तड़प-तड़प कर मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि मौत होने के बाद कुत्ते युवक के शव को खींचकर झाड़ियों में ले गए और कुत्ते शव को नोंच-नोंचकर खाने लगे। इस मामले की जानकारी पूर्व जिला परिषद सदस्य धर्मेंद्र सिंह समाज को मिली। धर्मेंद्र सिंह ने तुरंत इस मामले की जानकारी प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को दी। इसपर थाना अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। जहां पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से शव को जेसीबी के माध्यम से गड्ढा खोदकर अंतिम संस्कार करवा दिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्व जिला परिषद सदस्य धर्मेंद्र सिंह समाज की तरफ से 3 दिनों पहले मांझी के थानाध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान एवं मांझी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार को फोन करके सलेमपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर में एक अज्ञात विक्षिप्त के पड़े होने की जानकारी दी गई थी। धर्मेंद्र सिंह समाज ने बीमार विक्षिप्त को खिलाने-पिलाने का प्रयास भी किया, पर उसने खाना नहीं खा पाने का इशारा करके मना कर दिया था।

थाना अध्यक्ष चौहान ने भी चिकित्सा पदाधिकारी को फोन करके एम्बुलेंस के सहारे बीमार विक्षिप्त को इलाज के लिए पीएचसी में एडमिट कराने का अनुरोध किया। स्वास्थ्य प्रशासन ने उस विषय को गंभरीता से नहीं लिया। अंत में शनिवार की रात को विक्षिप्त ने विद्यालय के सामने ही दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने रविवार की सुबह पुलिस को विक्षिप्त की मौत की जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को दी और साथ ही पोस्टमार्टम कराने का निवेदन किया।

इनसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने छपरा के सिविल सर्जन को फोन कर मांझी पीएचसी कर्मियों पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। बाद में थाना अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान के समझाने बुझाने के बाद ग्रामीण युवक के शव को दफनाने के लिए तैयार हो गए। उसके बाद पुलिस ने जेसीबी की मदद से क्षत- विक्षत शव को दफना दिया। मौके पर पूर्व जिप सदस्य धर्मेन्द्र सिंह समाज समेत विभिन्न लोग मौके पर मौजूद रहे।

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