इन कोठियों में हॉलिडे मनाने के साथ पर्यटक लेते है स्वास्थ्य लाभ, मिनी शिमला के नाम से भी है मशहूर

इन कोठियों में हॉलिडे मनाने के साथ पर्यटक लेते है स्वास्थ्य लाभ, मिनी शिमला के नाम से भी है मशहूर
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बिहार के सिमुलतला शहर को मिनी शिमला के नाम भी जाना जाता है। पर्यटन के लिहाजा से बेहतर स्थान है। अंग्रेजी हुकुमत के समय से ही यहां सैलानियों का ताता लगा रहता है। बंगालियों की करीब 350 कोठियों में लोग हॉलिडे मनाने के साथ स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए भी पहुंचते हैं। यहां का पानी सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

बिहार(Bihar) के सिमुलतला शहर को मिनी शिमला(Shimla) के नाम भी जाना जाता है। यह जमुई जिले के दक्षिण पूर्व के अंतिम छोर पर बसा है। पर्यटन के लिहाजा से बेहतर स्थान है। अंग्रेजी हुकुमत के समय से ही यहां सैलानियों का ताता लगा रहता है। बंगालियों की करीब 350 कोठियों में लोग हॉलिडे मनाने के साथ स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए भी पहुंचते हैं।

लालडेंगा किले के प्रति लोगों की कम नहीं दिवानगी

सिमुलतला शहर पहाड़ों की वादियों में बसा हुए एक शहर है। पहाडी पर बसा रहस्यमय लालडेंगा हाउस(Laldenga House) सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां के राजा ने लालडेंगा हाउस का निर्माण कराया था। बताया जाता है कि लालडेंगा का निर्माण बांग्लादेश (Bangladesh) के नालडेंगा राजबाड़ी किले के तर्ज पर ही किया गया है। हालांकि, मरमम्त न होने की वजह से अब यह किला खंडहर हो चुका है। लेकिन पर्यटकों में इसके प्रति दिवानगी कम नहीं हुई है। 52 कमरे वाले इस किले में 53 दरवाजे है।

यहां का पानी भी देता है स्वास्थ्य ​लाभ

विश्व में ज्ञान की लहर बिखरेने वाले स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने भी यहां प्रवास किया था। उस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी थी। यहां का पानी स्वास्थ्य लाभ देता है। सिमुलतला की वादियों के बीच हल्दिया झरना (Haldia Waterfall) का पानी पेट के लिए बहुत उपयोगी है। यहां का पानी पीने से उसे भूख लग जाती है, भले ही उस इंसान ने कुछ देर पहले ही खाना खाया हो।

कई फिल्मों को हो चुकी है शूटिंग

एक तरफ यहां पर्यटक खूबसूरत वादियों के बीच हॉलिडे मनाने के लिए पहुंचते है, वहीं स्वास्थ्य लाभ लेते है। सिमुलतला की वादियों में कई बंगाली फिल्म की शूटिंग भी हो चुकी है। इनमें प्रमुख भालोबासा, ओचारजन, दादर कीर्ति, पदभुला जैसी फिल्में हैं। सत्यजीत रे दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित फिल्मकार बीएन सरकार ने कई फिल्मों की यहां शूटिंग की है।

प्रथम भारतीय लॉर्ड की भी कोठी है मौजूद

अंग्रेजी सरकार में पहले भारतीय लॉर्ड एसपी सिन्हा की भी कोठी इसी शहर में मौजूद है। हालांकि कई कोठियां बिक गईं। करीब साढ़े तीन सौ कोठियों में से लगभग डेढ़ सौ की संख्या में बच गई हैं। अंग्रेजों भी कभी इन बंगाली कोठियों में आकर रहते थे। यह देश की आजादी से पहले कोलकाता में ब्रिटिश हुकूमत का केंद्र था तो अक्सर बंगाली अधिकारी भी यहां हॉलिडे (holiday) मनाने आते थे।

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