Sunday Special : कोरोना काल में पर्यटन चौपट, सैकड़ों परिवारों के सामने खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट

Sunday Special : कोरोना काल में पर्यटन चौपट, सैकड़ों परिवारों के सामने खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट
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Sunday Special : कोरोना महामारी की वजह से बिहार के दरभंगा जिले में पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह चौपट हो गया है। इस वजह से जिले में पर्यटन कारोबार से जुड़े सैकड़ों परिवार के समक्ष रोजी-रोजी का संकट आकर खड़ा हो गया है।

Sunday Special : बिहार (Bihar) का दरभंगा (Darbhanga) पर्यटन (Tourism) की दृष्टि से हमेशा देशभर में अपनी धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक विरासतों की वजह से आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पर्यटन के गजब इतिहास के साथ दरभंगा जिले ने अपनी सभ्यता व संस्कृति को आगे बढ़ाया है। साथ ही दरभंगा जिले ने सैकड़ों परिवारों के लिए स्थाई रोजगार (employment) का सृजन किया है। पिछले दो वर्षों से कोरोना वायरस (Corona virus) की मार ने पर्यटन की पूरी व्यवस्था को ही प्रभावित करके रख दिया है। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण की पहली लहर (First wave of corona infection) ने पर्यटन से जुड़े लोगों को जोरदार झटका (Jolt to tourism) दिया। वहीं 2021 आते-आते पर्यटन से जुड़े लोग अभी उबरते और संभावनाएं तलाशते, लेकिन इस बीच कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Second wave of corona virus) ने एंट्री कर दी। फिर भय और डर के माहौल ने पर्यटन कारोबार प्रभावित (Tourism business affected) कर दिया। आखिर में कोरोना पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) ने तो इसकी हालत और भी बुरी करके रख दी।


जानकारी के अनुसार, हर प्रकार से दरभंगा में पयर्टन (Tourism in Darbhanga) से करीब दो हजार से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं। यहां पर कोई फूल बेचता है, कोई पानी, कोई मिठाई और कोई बेचता है लस्सी। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गरीबों के घर उजाले का माध्यम पर्यटन कोरोना संकट के दौर में बुरी तरह चौपट हुआ है। इस कोरोना महामारी ने घरेलू पर्यटन और यात्रा क्षेत्र की पूरी व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। इससे संबंधित व्यवसायियों के अनुसार पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सैकड़ों लोगों का कारोबार चौपट हो गया है। सभी लोगों के समक्ष आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। प्रतिदिन हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है।

बाबा कुशेश्वरधाम से जुड़े विभिन्न परिवार प्रभावित

बाबा कुशेश्वरस्थान मंदिर (Baba Kusheshwarsthan Temple) मिथिला का बाबा धाम (Baba Dham of Mithila) माना जाता है। बिहार के सभी जिलों के अलावा नेपाल तक के लोग यहां पर बाबा के दर्शन करने के लिए मंदिर आते हैं। कुशेश्वरस्थान बाजार स्थित मंदिर में पांच सौ से ज्यादा व्यापारी मंदिर आने वाले भक्तों पर निर्भर रहते हैं। कुशेश्वरस्थान में श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद, फूल-बेलपत्र समेत खाने-पीने से लेकर होटलों में रुकने तक की सुविधा उपलब्ध है। इन दिनों पूरे बिहार में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लागू होने के चलते सभी व्यापारियों के कारोबार ठप पड़े हैं। इन लोगों को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

दोनों संग्रहालयों में ताला लगा होने की वजह से कइयों की जीविका प्रभावित

कोरोना महामारी के प्रकोप एवं लॉकडाउन की वजह से म्यूजियम गुमटी स्थित महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह और चंद्रधारी संग्रहालय दोनों बंद है। मिथिलांचल के समस्तीपुर, मधुबनी और सीतामढ़ी के साथ-साथ बिहार के तमाम जिलों, नेपाल के अलावा अमेरिका से भी यहां पर्यटक पहुंचते हैं। यहां पर पर्यटकों के नहीं पहुंचने की वजह से म्यूजियम गुमटी स्थित फूल, गुलदस्ते समेत होटल-रेस्टोरेट से जुड़ा कारोबार चौपट है। इन दोनों संग्रहालयों से जुड़े लोगों के सामने घर-परिवार चलाने का संकट खड़ा हो गया है।

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