Sunday Special : बिहार में बढ़े आगजनी के हादसे, जानिए सुरक्षा से जुड़ी खास बातें

Sunday Special : बिहार में बढ़े आगजनी के हादसे, जानिए सुरक्षा से जुड़ी खास बातें
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Sunday Special : बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों आगजनी की घटनाएं बढ़ गईं हैं। अररिया जिले में आग में जलकर बीते दिनों 6 मासूम बच्चों, समस्तीपुर जिले में एक बच्ची समेत तीन महिलाओं और बांका जिले में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इन्हीं आगजनी के हादसों के बीच हम आपको कुछ ध्यान देने योग्य खास बातें बताने जा रहे हैं।

Sunday Special : बिहार (Bihar) के ग्रामीण क्षेत्रों (Rural areas) में गर्मी के मौसम में चल रही तेज हवाओं एवं अन्य असावधानियों की वजह से इन दिनों आगजनी (Arson) की घटनाएं बढ़े गईं हैं। जिनकी वजह से विभिन्न लोगों के जान-माल को काफी नुकसान हुआ है। अररिया (Araria) जिले में 30 मार्च को दिन में अचानक लगी आग में जलकर 6 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं समस्तीपुर जिले में 2 अप्रैल की देर रात में गैस सिलेंडर लीक होने की वजह से लगी आग में एक बच्ची समेत तीन महिलाओं की दर्दनाक मौतें हो गई थीं। बांका जिले में भी दिनदहाड़े अचानक घर में लगी आम में जिंदा जलकर दो मासूम बच्चों की मौत और एक बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया था। इन्हीं आगजनी के हादसों के बीच हम आपके लिए कुछ सावधियां, सुझाव और बचाव के लिए कुछ ध्यान देने योग्य बातें बताने जा रहे हैं।

अग्नि सुरक्षा से जुडी कुछ खास बातें

1 रसोई घर अग्निरोधक बनाने के लिए उसके चारों ओर गीली मिट्टी का लेप लगा दें। फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाएं।

2 ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष तौर पर फूस या खपरैल मकानों में रहने वाले लोग खाना सुबह आठ बजे से पहले और शाम को 5 से 6 बजे की बीच बना लें।

3 लालटेन, दीप, ढिबरी आदि का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतें।

4 अपनी रसोई में किसी भी तरह का ज्वलनशील पदार्थ ना रखें। जैसे मिट्टी का तेल, सिंथेटिक कपड़े आदि।

5 ढीले और सिंथेटिक वस्त्रों को ना पहनें और बालों को भी खुला ना रखें। इसके अलावा रसोई घर से अपने छोटे बच्चों को दूर ही रखें।

6 तेज हवा में खुले स्थान पर भोजन ना पकाया जाए। अगर संभव हो तो उस वक्त चूल्हे को चारों ओर से घेर कर रखा जाए।

7 किसी भी जलते हुए पदार्थ को बुझाने देने के बाद ही सोया जाए।

8 घर में सदैव अग्निशामक पदार्थ जैसे बालू, पानी, बालू और सुखी मिट्टी या धूल जैसी चीजें जमा करके रखी जाएं।

9 हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की झमता होती है। अत: केले के पेडो को अपने घर के चारों ओर लगाया जाए।

10 हर व्यक्ति को प्राथमिक उपचारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

11 हर व्यक्ति आपातकालीन सेवा को फोन नंबर 101 अपने पास अवश्य रखे।

12 जलती हुई बीड़ी , सिगरेट और माचिस की तिल्ली (काठी) खेत खलियान में ना फेंके।

13 आग को बुझाने के लिए बालू, पानी और सूखी मिट्टी या धुल का प्रयोग करें।

घरों में इन चीजों का प्रबंध करके रखें

1 एक बड़े से ड्रम में हमेशा 200 लीटर पानी भरकर रखें।

2 कुछ छोटी-छोटी बाल्टियों में रेत या बालू भी रखें।

3 एक या दो जूट की पुरानी बोरियों को पानी में भींगो कर हमेशा रखें।

4 रोशनी के लिए बैट्री वाले संयंत्र जैसे टार्च, इमरजेंसी लाईट आदि का ही इस्तेमाल करें।

5 कई बार खेत-खलियानों में पूजा भी की जाती है। पूजा में प्रयोग की जाने वाली अगरबत्ती, धूप बत्ती आदि पर जब तक नजर बना कर रखी जाए कि तब तक वो पूरी तरह से बुझ ना जाए।

6 यादि आसपास कोई तालाब या अन्य जलस्रोत हो तो वहां से खेत खलियान तक का पाईप (सिंचाई में उपयोग आने वाले पाईप) और पम्पसेट तैयार रखें।

किसी भी परिस्थिति ना किए जाएं इस तरह के काम

1 थ्रेसर चलाने में उपयोग आने वाले ट्रैक्टर या डीजल इंजन के धुआं वाला पाईप से हवा की दिशा में अनाज का बोझा नहीं रखें।

2 बिजली के तार के किसी भी जोड को ढीला या खुला हुआ ना छोड़ा जाए।

3 किसी भी स्थिति में और कभी भी बिजली के जोड़ को प्लास्टिक से नहीं बांधा जाए।

4 बिजली के कनेक्शन के लिए कम या खराब गुणवत्ता वाले तार का इस्तेमाल नहीं किया जाए।

5 खेत-खलियान या फूस वाले घर के आस पास ना तो खुद बीड़ी या सिगरेट पीएं और ना ही किसी भी दूसरे व्यक्ति को इन जगहों पर बीड़ी और सिगरेट पीने दें।

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