कॉलेज में बाल खोलकर आने पर लगी रोक, आक्रोशित छात्राओं ने तालिबान का शरिया जैसा कानून दिया करार

कॉलेज में बाल खोलकर आने पर लगी रोक, आक्रोशित छात्राओं ने तालिबान का शरिया जैसा कानून दिया करार
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बिहार के भागलपुर स्थित महिला कॉलेज सुखियों में आ गया है। क्योंकि एक नोटिफिकेशन जारी हुआ है। जिसमें कहा गया है कि कॉलेज में लड़कियों के बाल खोलकर आने पर रोक है। वहीं छात्राओं ने इसे तालिबान के शरिया कानून जैसा करार दिया है व इसका विरोध कर रही हैं।

बिहार (Bihar) में भागलपुर का महिला कॉलेज (Women's College of Bhagalpur) के एक नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद सुखियों में आ गया है। भागलपुर के 'सुंदरवती महिला महाविद्यालय' (Sundaravati Mahila Collige of Bhagalpur) में जारी हुए नोटिफिकेशन कहा गया है कि कॉलेज में छात्राओं के बाल खोलकर आने पर रोक (Ban on girls coming opening their hair) है। वहीं छात्राओं ने इस नोटिफिकेशन को तालिबान के शरिया कानून (Taliban's Sharia Law) जैसा करार दिया है। साथ छात्राएं इसका विरोध भी कर रही हैं। सोशल मीडिया पर भी इस नोटिफिकेशन को लेकर विवाद गहरा गया है।

जानकारी के मुताबिक यह निर्णय भागलपुर (Bhagalpur) के सुंदरवती महिला महाविद्यालय (एसएम कालेज) की कमेटी ने लिया है। इस निर्णय पर कॉलेज प्राचार्य प्रो. रमन सिन्हा की ओर से अंतिम रूप से मुहर लगाई गई है। सुंदरवती महिला महाविद्यालय में 12वीं की करीब 1500 छात्रा बतायी जा रही हैं। ये सभी छात्राएं कॉमर्स, साइंस और आर्ट्स स्ट्रीम में पढ़ती हैं। प्रिंसिपल ने नया ड्रेस कोड निर्धारित करने के लिए एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने नए सत्र के दौरान छात्राओं के लिए रॉयल ब्लू कुर्ती, सफेद दुपट्टा, सफेद सलवार, सफेद मौजे, काले जूते व बालों में दो या एक चोटी की बात कही है। वहीं कमेटी ने जाड़े के मौसम में रॉयल ब्लू ब्लेजर व कार्डिगन पहनने के लिए कहा है। इस नए ड्रेस कोड के ज्यादातर नियमों पर तो सभी छात्राएं की पूरी तरह से सहमत हैं। पर बालों में चोटी बांधने को लेकर सुनाए गए फरमान को लेकर छात्राएं काफी आक्रोश बताई जा रही हैं। यह भी सामने आया है कि कुछ छात्राओं ने इस निर्णय का स्वागत भी किया है। यह भी कहा जा रहा है कि एक छात्रा ने इस निर्णय को लेकर कॉलेज प्रशासन को बायकायदा धन्यवाद दिया है।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रमन सिन्हा फिलहाल इस नए ड्रेस कोड के निर्णय में बदलाव करने के मुड में नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि ड्रेस कोड लागू हो चुका है। इस को लेकर नोटिस चिपका दिया गया है। इन स्थितियों में छात्राओं इन नियमों का पालन करना ही होगा। वहीं मीडिया कर्मियों ने इस सवाल किए तो उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मी जो चाहें इस पर लिख सकते हैं।

एसएम कॉलेज प्रशासन के नए ड्रेस कोड वाले निर्णय पर केवल एसएम कॉलेज ही नहीं, विश्वविद्यालय से संबंधित अन्य कई कॉलेजों की छात्राओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है। विरोध करने वाली छात्राओं ने इस निर्णय को तालिबानियों का शरिया कानून जैसा करार दिया है। इसपर राजद के छात्र संगठन के अध्यक्ष दिलीप कुमार यादव ने कहा कि लड़कियों खुले बालों पर रोक लगाने का निर्णय कॉलेज प्रशासन की घटिया मानसिकता को दिखाता है। राजद छात्र नेता ने कहा कि इस मामले से भागलपुर विश्वविद्यालय की कुलपति को अवज्ञत कराया जाएगा। वहीं एनएसयूआई की ओर से भी इंटर कॉलेज के इस निर्णय का विरोध किया है। साथ ही एनएसयूआई ने इसके विरोध में आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

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