जनरल वर्ग की STET महिला अभ्यर्थी नए नियम से परेशान, 45 की जगह इसने प्रतिशत मार्क्स पर बनी मेरिट लिस्ट

जनरल वर्ग की STET महिला अभ्यर्थी नए नियम से परेशान, 45 की जगह इसने प्रतिशत मार्क्स पर बनी मेरिट लिस्ट
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बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर करीब 10 वर्षों से दिक्कत बनी हुई है। इसमें आए दिनों तरह-तरह के विवाद सामने आते रहे हैं। अब एसटीईटी महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर नया विवाद गहरा गया है।

बिहार सरकार (Bihar government) के लिए शिक्षकों की नियुक्ति (Teacher Appointment) को लेकर करीब बीते 10 वर्ष सबसे बड़ी परेशानी भरे रहे हैं। चाहे कुछ भी हो, इनमें कुछ ना कुछ दिक्कतें रह ही जाती हैं। हाल में ही बिहार सरकार की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मेरिट लिस्ट (merit list) जारी की गई है। जिसपर विवाद शुरू हो गया है। इनमें एक विवाद जनरल कोटे की महिला अभ्यर्थियों (women Candidate) के लिए बने मेरिट लिस्ट को लेकर भी है। जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए 45 प्रतिशत पास मार्क्स को आधार बनाने का नियम बनाया था। लेकिन मेरिट लिस्ट को 50 फीसदी अंक के आधार पर बनाया गया है। वहीं अब इसपर विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को इस मामले को लेकर एक बड़ी संख्या में महिलाओं की एक टीम प्रदेश की डिप्टी सीएम रेणु देवी से मिलने के लिए पटना स्थित उनके आवास पर पहुंची थी। हालांकि डिप्टी सीएम रेणु देवी (Renu Devi) ने महिलाओं की इस टीम से मिलना जरुरी नहीं समझा।

मेरिट लिस्ट के मामले पर इन महिला अभ्यर्थियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने मेरिट लिस्ट में 2011 के नोटिफिकेशन को आधार बनाने की बात कही गई थी। इसके अनुसार सामान्य वर्ग के महिलाओं की नियुक्ति के लिए 45 प्रतिशत पास मार्क्स के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी। जबकि पुरुषों के लिए पास 50 फीसदी नंबर के आधार पर तैयार किया जाना था। महिलाओं ने बताया कि जब पिछले सप्ताह टीचर नियुक्ति के लिए मेरिट सूची जारी की गई तो उसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए एक ही परसेंटेज मार्क्स को आधार बनाया गया है। जोकि कतई गलत है।

डिप्टी सीएम रेणु देवी के पटना स्थित आवास पर पहुंची इन महिला अभ्यर्थियों ने कहा कि एक ओर तो सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करती है। दूसरी ओर महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें आशा थी कि एक महिला होने के नाते डिप्टी सीएम हमारी समस्याओं को सुनेंगी, लेकिन घंटे भर से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद उन्होंने हम लोंगों से मिलना जरुरी नहीं समझा। इन महिलाओं की शिकायत थी कि पहले डिप्टी सीएम के स्टाफ ने कहा कि उनकी तबीयत खराब है, बाद में बताया गया कि वे बैठक में हैं।

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