Teachers Day: गंगा नदी की लहरों पर पढ़ाई करते बच्चों की Video Viral, जानें नाव वाली पाठशाला की पूरी कहानी

Teachers Day: गंगा नदी की लहरों पर पढ़ाई करते बच्चों की Video Viral, जानें नाव वाली पाठशाला की पूरी कहानी
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शिक्षक दिवस के अवसर पर बिहार के कटिहार से एक बड़ी ही सुखद वीडियो समाने आई है। क्योंकि यहां नाव में पाठशाला चल रही। इस बात को सुनकर आप चौंक जरूर जाएंगे, पर यह बात सत्य है। कटिहार जिले के सुदूर गांव मारालैंड बस्ती में 3 जुनूनी युवक गंगा की लहरों पर पाठशाला संचालित करते हैं।

बिहार (Bihar) समेत पूरे देश में आज शिक्षक दिवस (teachers Day) मनाया जा रहा है। साथ ही देशभर में पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर शैक्षणिक उत्थान को लेकर लोग बड़े-बड़े संकल्प ले रहे हैं। इस सब के बीच बिहार के कटिहार (Katihar) से पढ़ाई लिखाई से जुड़ी एक बेहद खूबसूरत वीडियो (beautiful video related to education) सामने आई है। यह वीडियो नाव में चल रही पाठशाला (boat school) की है। आप सुनने के बाद हैरान जरूर होंगे, लेकिन ये बिल्कुल सत्य है। जानकारी के अनुसार कटिहार के मनिहारी अनुमंडल के सुदूर गांव मारालैंड बस्ती में 3 जुनूनी युवक गंगा की लहरों पर पाठशाला संचालित करते हैं।

जानकारी के अनुसार इन दिनों मारालैंड गांव गंगा नदी में आई भीषण बाढ़ से ग्रस्त है। आसपास के विभिन्न गांव भी बाढ़ से ग्रस्त हैं। यहां चारों ओर सिर्फ बाढ़ का पानी नजर आता है। यहीं स्थित है मारालैंड बस्ती, यह भौगोलिक तौर पर गंगा की बेसिन में बसा है। हर यह गांव बाढ़ की चपेट में आता है। यहां के निवासी दूसरी जगहों पर शरण के लिए चले जाते हैं। इस दौरान यहां पढ़ाई लिखाई पूरी तरह से ठप सी हो जाती है। क्योंकि इलाके में बाढ़ के पानी की वजह से सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूल और कोचिंग तक डूब जाते हैं। इसी गांव के रहने वाले तीन युवक पंकज, कुंदन और रविंद्र हैं। तीनों ने भी इस तरह की समस्याओं का सामना किया है। इसलिए ये तीनों इस समस्या को पूरी तरह से जानते हैं।

अब ये तीनों साजा इस क्षेत्र में प्राइवेट कोचिंग संचालित करते हैं। वहीं ये तीनों युवक शनिवार और रविवार को गांव के बच्चों को फ्री पढ़ाते हैं। जहां ये कोचिंग देते थे, वहीं भूमि अब बाढ़ की चपेट में आ गई है। कुछ वक्त तक इन युवकों ने बच्चों को बांध पर कोचिंग दी। लेकिन वहां स्थितियां कठिन थी। क्योंकि वहां पर बहुत कम जगह में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े और जानवर सभी रहने के लिए मजबूर थे। इस जगह पर वक्त -वक्त पर नेता व प्रशासनिक वाहन आते रहते थे। इस वजह से वहां पर पढ़ाई बाधित होती थी। इस सभी से परेशान होकर युवक पंकज के दिमाग में यह युक्ति आई कि क्यों ना गंगा की धारा पर बच्चों की पाठशाला चलाई जाए। यहां पर पाढ़ाई के कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए कोई पहुंच भी नहीं पाएगा।

यहां ज्यादातर लोगों के पास है नाव

जानकारी के अनुसार क्षेत्र में रहने वाले ज्यादातर परिवारों के पास बड़ी नाव हैं। ये लोग बाढ़ के साथ खुद को भी एडजस्ट कर चुके हैं। यहां बड़ों से लेकर छोटे बच्चे तक नाव चलाना और तैरना जानते हैं। इस कारण नाव में लगने वाली खतरनाक पाठशाला से कोई भयभीत नहीं होता। पंकज के इस विचार पर शुरू हो गई नाव में पाठशाला। पिछले 3 महीनों से लगातार यहां के बच्चे नाव में सवार होकर गंगा की धारा पढ़ाई कर रहे हैं। बांध के पास में ही नाव को किनारे लगा कर पढ़ाई शुरू हो जाती है। नियमित स्कूल के समान ही यहां कुंदन पंकज और रविंद्र बच्चों को पढ़ाते हैं। साथ ये लोग बच्चों का टेस्ट भी लेते हैं।

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