तेज प्रताप ने मांझी की टेलीफोन पर लालू यादव से कराई बात, बिहार में चढ़ा सियासी पारा

बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में कब कौन सा मोहरा कौन सी चाल चल दे, इसका अंदाजा लगा पाना काफी कठिन है। बिहार (Bihar) में इन दिनों शतरंज के मोहरों की तरह ही राजनीति चल रही है। बिहार की राजनीति आज उस वक्त अचानक गरमा गई कि जब लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव (Lalu Prasad Yadav son Tej Pratap Yadav) बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) के पटना (Patna) स्थित आवास उनसे मुलाकात करने के लिए पहुंचे। बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी के आवास पर बंद कमरे में तेज प्रताप यादव के साथ उनकी करीब आधे घंटे तक मुलाकात (Jitan Ram Manjhi and Tej Pratap Yadav meeting) चली। जानकारी के अनुसार मुलाकात के दौरान जीतन राम मांझी और तेज प्रताप यादव के अलावा अन्य सभी लोगों को बाहर रहने की हिदायत दी गई थी। बंद कमरे में चल रहे बातचीत के दौरान तेज प्रताप यादव ने जीतन राम मांझी की लालू प्रसाद यादव से टेलीफोन के माध्यम से बात (Jitan Ram Manjhi talks to Lalu Prasad Yadav) भी कराई। लालू प्रसाद यादव और मांझी राम मांझी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वैसे तेजप्रताप यादव ने कहा कि वो मेरे अंकल हैं। मैं इनसे अक्सर मिलने आता हूं। आज यहां से गुजर रहा था तो उनसे मिलने के लिए आ गया। जीतन राम मांझी ने भी इस मुलाकात का कोई सियासी मायना नहीं लगाने की बात कही है।
तेजप्रताप से हुई मुलाकात के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू यादव के बेटे तेज प्रताप ने एक नया गैर सियासी संगठन बनाने का ऑफर दिया है। उसी संगठन में जुड़ने का मुझसे निवेदन किया है। जीतन राम मांझी ने बताया कि इस संगठन में सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं को एक मंच पर साथ आने का निवेदन किया है। जिससे नए जनरेशन को सियासत के तौर तरीके एवं मर्यादा समझाई जा सके। जीतन राम मांझी ने भी तेज प्रताप यादव के ऑफर को स्वीकारते हुए कहा कि यदि ऐसा होता है तो वो भी इनके साथ में जुड़ने के लिए तैयार हूं।
लालू यादव से बातचीत के कई अर्थ
मुलाकात के दौरान तेज प्रताप यादव ने जीतन राम मांझी की टेलीफोन के माध्यम से अपने पिता लालू यादव से बात कराई। इस फोन बातचीत की जानकारी जीतन राम मांझी ने स्वयं देते हुए बताया कि करीब 10 मिनट तक लालू प्रसाद यादव से उनकी टेलीफोन के जरिए बातचीत हुई। उस दौरान उन्होंने लालू यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और दीर्घायु रहने की कामना की। मांझी ने इस टेलीफोन बातचीत के बारे में बताते हुए कहा कि इसका भी कोई सियासी अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए, क्योंकि यह बातचीत केवल विशुद्ध रूप से पारिवारिक बातचीत थी व लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन के मौके पर केवल तेज प्रताप यादव से मुलाकात भर थी। वहीं सियासी जानकारों की मानें तो इस मुलाकात के कई अर्थ लगाए जा सकते हैं। इन दिनों जैसे जीतन राम मांझी ने बयानबाजी की है, वो कई तरह की बातों को जन्म देती है।
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने इस मुलाकात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जीतन राम मांझी की कांग्रेस व राजद से बेहतर संबंध पहले से रहे हैं। इस मुलाकात का सियासी अर्थ है। आने वाले कुछ दिनों में खुशखबरी मिल सकती है।
जीतन राम मांझी पिछले कुछ दिनों से उठा रहे हैं सवाल
जीतन राम मांझी बीते कुछ दिनों से एनडीए गठबंधन रहते हुए भी कई तरह के सवाल उठाते रहे है। बांका मदरसा धमाका में जब भाजपा ने मदरसा पर सवालिया निशान खड़ा किया तो जीतन राम मांझी ने आगे आकर जवाबी हमला करते हुए कहा कि गरीबों के बच्चे को नक्सली व आतंकवादी बताया जाता है। एनडीए गठबंधन में एकबार फिर से कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग करके नई चर्चा छेड़ दी। जीतन राम मांझी ने मुकेश साहनी से मुलाकात कर भी हंगामा खड़ा कर दिया था। वैसे जीतन राम मांझी फिलहाल किसी भी परिवर्तन से इनकार कर रहे हैं। लेकिन राजनीति किस दिशा में बैठेगी देखना दिलचस्प होगा।
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