बिहार सरकार का एक महीना पूरा, नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव का करारा वार

नेता प्रतिपक्ष एवं राजद नेता तेजस्वी यादव रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर बिहार सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। वहीं तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक बार फिर से ट्वीट कर नीतीश कुमार सरकार का एक महीना पूरा होने पर करारा वार किया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि एक महीना पहले बिहार में नीतीश कुमार की यह सरकार डकैती, झूठ, लूट, छल, प्रपंच और फरेब के बल पर बनी थी। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस सरकार में दो डिप्टी सीएम, सबसे अधिक भाजपा से मंत्री और विधायक शामिल हैं। वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा के विधायक और सांसद और मंत्री ही प्रतिदिन इस लूटेरी सरकार और सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ सवाल उठाते हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर स्थानीय समाचार पत्रों में छपी खबरों (सरकार की जनविरोधी अराजक झलकियां) भी शेयर की हैं।
डकैती, झूठ, लूट, छल, प्रपंच और फ़रेब से बनी बिहार सरकार को आज एक महीना हो गया है। सरकार में दो उपमुख्यमंत्री और सबसे अधिक मंत्री, विधायक वाली BJP के MP, MLA और मंत्री ही प्रतिदिन अपनी लूटेरी सरकार, CM और पार्टी पर सवाल उठाते है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 16, 2020
देखिए मनोनीत सरकार की जनविरोधी अराजक झलकियाँ..👇 pic.twitter.com/ECI1LT6Y93
आपको बता दें, बिहार के दरभंगा में बीते दिनों हथियार बंद बदमाशों ने दिनदहाड़े गोलीबारी कर करोड़ों रुपये की सोना लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इस गोलीबारी की घटना में ज्वेलरी शॉप मालिक भी जख्मी हुआ था। इस मामले पर दरभंगा के स्थानीय विधायक ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ सवाल उठाये थे।
दूसरी ओर हाल के दिनों में ही रोहतास जिले कोचस में लूट की वारदात के दौरान पेट्रोल पंप मालिक की हत्या कर दी गई थी। इस घटना में एक अन्य कारोबारी भी घायल हुआ था। इस मामले पर भी एक भाजपा सांसद ने नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ सवाल उठाये थे। उन्होंने पुलिस कर्मियों को निक्कमे और निठल्ले तक बोल दिया था। इन मामलों को अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुद्दा बनाकर नीतीश कुमार के खिलाफ निशाना साधा है।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर विपक्ष के सवालों के उत्तर नहीं देने का आरोप लगाया
राजद नेता तेजस्वी यादव ने अन्य ट्वीट के माध्यम से कहा कि सीएम नीतीश कुमार विपक्ष के तर्क व तथ्यपूर्ण सवालों का कभी भी उत्तर नहीं देते। क्योंकि उनके पास जवाब ही नहीं होता। अगर विपक्ष का जवाब देने में किसी प्रकार की बची-खुची प्रतिष्ठा का क्षरण होता है तो अपने सबसे बड़े सहयोगी और उनके मंत्रियों की शंकाओं का ही लोकहित में जवाब दे दीजिए।
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