नैनीताल भूस्‍खलन: मलबे में दबे बिहार के 5 मजदूरों की हुई पहचान, उत्तराखंड सरकार उठा रही ये कदम

नैनीताल भूस्‍खलन: मलबे में दबे बिहार के 5 मजदूरों की हुई पहचान, उत्तराखंड सरकार उठा रही ये कदम
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उत्तराखंड के नैनीताल में भूस्‍खलन की वजह से मलबे में दबकर नौ मजदूरों की मौत हो गई है। इसमें मृत पांच मजदूर बेतिया बिहार के रहने वाले पहचाने गए हैं। उत्तराखंड सरकार शवों को बिहार भिजवाने की व्यवस्था कर रही है।

उत्तराखंड (Uttarakhand) में नैनीताल के रामगढ़ में भूस्‍खलन (nainital landslide) के चलते मलबे के नीचे दबकर नौ मजदूरों ने जान गंवा (workers lost their lives) दी है। इन नौ मजदूरों में से पांच मजदूर बिहार (Bihar) के निवासी बताए गए हैं। जानकारी के अनुसार एनडीआरएफ द्वारा तल्‍ला रामगढ़ के झुतिया गांव स्थित घर के अंदर से मलबे में दबे इन मजदूरों के शव गुरुवार शाम को बरामद किए थे। वहीं चार मजदूरों की खोजबीन अभी भी जारी है। कहा जा रहा है कि आज शाम तक ये कार्य पूर्ण हो जाएगा।

पहचाने गए मजदूरों में संदीप चौधरी (20 साल) बेटा शिवल्क चौधरी रहने वाले ग्राम मिईटोला बिहार, दौड़ा यादव (40 साल) बेटे गोपी यादव रहने वाले सुरजघर बेतिया (Betia) बिहार, धामू मुखिया (35 साल) बेटे राधा मुखिया रहने वाले सतवरिया बेतिया, शर्मा चौधरी (35 साल) बेटे रमाकान्त चौधरी, श्रीशमावाज़ार बेतिया बिहार व अजय मुख्या (19 साल) नरीमन मुख्या मलाइरोला बेतिया बिहार के रहने वाले शामिल हैं। प्रशासन ने गुरुवार को घटनास्थल पर ही तमाम शवों का पोस्टमार्टम कराकर हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भिजवा दिया था। अन्य मजदूरों को खोजने का कार्य गरुवार की देर शाम तक जारी रहा।

आपको बात दें नैनीताल जिले में बीते मंगलवार रात आई प्राकृतिक आपदा में तल्ला रामगढ़ के झूतिया गांव स्थित एक घर मलबे में दब गया। इसमें बिहार के बेतिया जिले निवासी नौ मजदूरों की मौत हो गई। ये सभी मजदूर यहां के एक स्थानीय लोक निर्माण विभाग ठेकेदार जगदीश पांडे के लिए कार्य करते थे। घर के अंदर से एनडीआरएफ (NDRF) को शव निकालने की जिम्मेदारी सौंपी। उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand government) और प्रशासन शवों को उनके परिवारों के तक पहुंचाने के प्रयासों में जुटा है।

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