सीएम नीतीश के गृह जिले में ब्लैक फंग्स ने ग्रामीण को बनाया शिकार, अन्य गांव वालों के बीच मचा हड़कंप

सीएम नीतीश के गृह जिले में ब्लैक फंग्स ने ग्रामीण को बनाया शिकार, अन्य गांव वालों के बीच मचा हड़कंप
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बिहार में कोरोना के साथ-साथ लोग ब्लैक फंग्स के कहर से भयभीत होने शुरू हो गए हैं। वहीं सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में भी ब्लैक फंग्स से मौत हो गई है। इससे ग्रामीणों के बीच भय का माहौल है।

ब्लैक फंग्स (Black Fungus) को लेकर बिहार (Bihar) के नालंदा (Nalanda) जिले से बड़ी खबर आई है। बताया जा रहा कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह जिले नालंदा के रहुई प्रखंड के सिहुली गांव में ब्लैक फंग्स से शख्स की मौत (death from black fungus) हो गई है। ब्लैक फंग्स से हुई मौत के बाद से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। ब्लैक फंग्स को लेकर ग्रामीण काफी डरे, सहमे और भयभीत हैं।

ग्रामीणों के अनुसार बिजेंदर पासवान को कोरोना संक्रमण हो गया था। बिजेंदर पासवान कोरोना वायरस (corona virus) से तो जंग जीत गया। लेकिन बिजेंदर पासवान को ब्लैक फंगस ने अंदर तक तोड़ दिया और बिजेंदर पासवान की जान ले ली। गांव में बिजेंदर पासवान की मौत हो जाने के बाद हम लोगों को यह डर सता रहा है कि कहीं कोई और व्यक्ति ब्लैक फंगस बीमारी (Black fungus disease) के चपेट में ना आ जाए।

मृतक के परिवार के लोगों के मुताबिक बिजेंदर पासवान 7 मई को कोरोना संक्रमित (Corona infected) पाए गए थे। कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और वहां से स्वस्थ होकर घर आ गए थे। इसी बीच 26 मई को बिजेंदर पासवान की आंखों में सूजन होने लगी। जिसके बाद उनको निजी क्लीनिक में दिखाया गया। जहां से उनको पटना (Patna) रेफर कर दिया गया।

पटना एम्स (Patna AIIMS) में बिजेंदर पासवान की जांच के दौरान ब्लैक फंगस पाए जाने की पुष्टि हुई। पटना एम्स में इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। बिजेंदर पासवान के परिजन आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। उन्होंने सरकार से आपदा के तहत मिलने वाली राशि की मांग की है। आपको बता दें बिहार में कोरोना वायरस की रफ्तार भले ही काबू में आ गई हो, लेकिन कुछ जिलों में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ रहा है। सबसे पहले ब्लैक फंगस के मरीज की पुष्टि कैमूर जिले में हुई थी। कैमूल में अब तक ब्लैक फंगस के तीन मरीज मिल चुके हैं। इसके अलावा गया में भी ब्लैक फंगस का संदिग्ध मरीज मिला था। उस मरीज को बेहतर उपचार के लिए एनएमसीएच में ईएनटी स्पेशलिस्ट की देखरेख में रखा गया है।

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