Youth Congress Virtual Rally: पटना में श्रीनिवास बी वी बोले - नीतीश कुमार सुशासन बाबू नहीं, बल्कि हैं पलटू बाबू

Youth Congress Virtual Rally: पटना में श्रीनिवास बी वी बोले - नीतीश कुमार सुशासन बाबू नहीं, बल्कि हैं पलटू बाबू
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Youth Congress Virtual Rally: बिहार की राजधानी पटना में युवा कांग्रेस की वर्चुअल रैली में श्रीनिवास बी वी ने कहा कि नीतीश कुमार सुशासन बाबू नहीं हैं। बल्कि ये पलटू बाबू हैं।

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने बिहार की राजधानी पटना में वर्चुअल रैली के दौरान कोरोना और युवाओं की समस्याओं पर नरेंद्र मोदी व नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला।

श्रीनिवास बी वी ने कहा कि बिहार देश में सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित है। लेकिन फिर भी बिहार में परीक्षायें आयोजित की गईं। फैसला केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लिया गया। लेकिन कोरोना महामारी के बीच और बाढ़ प्रभावित इलाकों में छात्र-छात्रायें परीक्षायें देने कैसे पहुंच पाते?

इस बात पर केंद्र सरकार ने कोई विचार नहीं किया। लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी केंद्र सरकार से परीक्षायें टलवाने के फैसले पर उनके समक्ष एक शब्द भी नहीं बोला। इस दौरान छात्र-छात्रओं को बहुत परेशानियां हुईं। छात्रों को यातायात संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा।

इस पर श्रीनिवास बी वी ने कहा कि नीतीश कुमार सुशासन बाबू नहीं हैं। बल्कि ये पलटू बाबू हैं। वहीं श्रीनिवास बी वी ने नीतीश कुमार का नाम सुशासन बाबू से बदलकर पलटू बाबू तक रख देने की सलाह दे डाली। वे वहीं नहीं रुके उन्होंने तो सीएम नीतीश कुमार को बिहार के लिये सबसे बड़ा डिजास्टर तक करार दे दिया।

श्रीनिवास बी वी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं और जनता के लिये कुछ नहीं किया है। ये चुनाव करीब आने पर ड्रामा कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस युवा अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पूरी तरह से युवा विरोधी करार दिया है। इसके अलावा उन्होंने बिहार के युवाओं के लिये रोजगार भी मांगा।

लॉकडाउन में पैदल चलने पर मजबूर थे बच्चे और महिलायें समेत सभी, क्या यही है सुशासन?

वहीं कांग्रेस युवा अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने कोरोना महामारी को लेकर बोलते हुये कहा कि जब कोरोना महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन लगाया गया था। तो इस दौरान दूसरे राज्यों से बिहार के प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटने पर मजबूर हो गये थे। साथ ही पैदल चलने को मजबूर थे।

लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपने मंत्रियों के साथ घरों में छिपे बैठे थे। क्या यही है सुशासन है? प्रवासी मजदूरों को हजार किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ गया था। युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बुजुर्ग, बच्चें, युवा और महिलायें सभी कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन में पैदल चलने पर मजबूर थे। लेकिन बिहार की एनडीए सरकार ने जो ये लोग अपने घरों को पहुंच सके। बसें नहीं चलाई गईं। ना ही लोगों के लिये भोजन और पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई।

मोबाइल फोन से युवाओं ने देखा डिजिटल रैली का प्रसारण

बिहार युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गुंजन पटेल ने संगठन की डिजिटल रैली को लेकर युवाओं में क्रेज की बात स्वीकारी है। उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर कर इस बात की पुष्टि की है। जारी तस्वीर के बारे में गुंजन पटेल ने बताया कि हमारे पास भाजपा की तरह बड़े-बड़े एलईडी लगाने के पैसे नहीं थे। हमारे पास सत्ता की ताकत नहीं थी। पर कहते हैं ना कि अगर आप जनता की आवाज़ बनेंगे तो लोग खुद जुड़ेंगे। एलईडी न सही मोबाइल फोन ही सही। बात तो बिहार के गांव-गांव तक पहुंच चुकी है।

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