#CGBudget2021 : सीएम की कविता पर कर्मचारियों की तीखी प्रतिक्रियाएं, लिखा- कुछ नहीं करेंगे आप…फिर ठगे गए कर्मचारी

#CGBudget2021 : सीएम की कविता पर कर्मचारियों की तीखी प्रतिक्रियाएं, लिखा- कुछ नहीं करेंगे आप…फिर ठगे गए कर्मचारी
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने #CGBudget2021 पेश करने के बाद Twitter पर एक कविता क्या पोस्ट कर दी, Twitter पर प्रतिक्रिया देने वालों की कतार लग गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के Followers की तादाद छोटी तो है नहीं, ऐसे में प्रतिक्रियाएं भी तमाम तरह की आ रही हैं। कुछ ने निराशा व्यक्त की है, तो कुछ ने संतोष जाहिर किया है। कुछ ने अपनी भावनाएं मजाकिया लहजे में व्यक्त करने की कोशिश की है। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कार्यकाल के तीसरे बजट विधानसभा के सदन में पेश करने के बाद Twitter पर एक कविता पोस्ट की है। यह कविता #CGBudget2021 को हैशटैग करते हुए लिखी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा पोस्ट की गई कविता और बजट पर उनके Followers ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने सराहा है, तो कुछ ने आलोचना भी की है। इन प्रतिक्रियाओं में नियमितिकरण, नए रोजगार के अवसर, सरकारी नौकरियां, धान बोनस जैसे कई विषयों पर बातें रखी गई हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री ने कविता पोस्ट की हैं, उसमें एक शुरुआती पंक्ति है – उन गड्ढों को भरना बाकी है, उन अंधेरों को हरना बाकी है..! इस कविता को पढ़ने के बाद कुछ ने मुख्यमंत्री का ध्यान दूसरे कई 'गड्ढों' की ओर भी आकृष्ट किया है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में नियमितिकरण की बात प्रमुखता से उल्लेखित थी। एक यूजर ने कविता पर प्रतिक्रिया दी है- 'विद्यामितान अतिथि शिक्षकों का नियमितिकरण आखिर कब तक होगा, आदरणीय जी।'

एक यूजर ने बताया है कि सहायक ग्रेड 3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए 29 माह से इंतजार किया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा है- 'बहुत खुशी हुई थी जब कांग्रेस की सरकार आई थी कि अब जाके कुछ होगा पर कोई नहीं आगे बढ़ते रहे दाऊ जी'। एक यूजर ने स्कूल वाले आइडिया की तारीफ भी की है।

नियमितिकरण के लिए लंबा आंदोलन करने वाले अनियमित कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, प्रेरक, स्वास्थ्य संयोजक, विद्या मितान, अतिथि शिक्षक, पंचायत सचिव, कोटवार, मितानिन आदि तमाम ने नियमितकरण की मांग को लेकर निराशा व्यक्त की है। एक यूजर ने लिखा है-'बजट में कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं, फिर ठगे गए कर्मचारी।' पढ़िए वह कविता और तमाम प्रतिक्रियाएं-

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