गांव में आई जागृति : शराब बनाने वाले पर 10 और पीने वाले पर लगेगा 5 हजार जुर्माना...

गांव में आई जागृति : शराब बनाने वाले पर 10 और पीने वाले पर लगेगा 5 हजार जुर्माना...
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यह नजारा ग्राम पंचायत कुंज नगर के देवस्थल का है, जहाँ गांव के बड़े बुजुर्ग सहित कई लोग पूजा अर्चना करते हुए दिख रहे हैं। इसकी वजह भी कुछ खास है। ग्रामीणें की माने तो इस गांव के देवता नाराज हो गए हैं और यहा कुछ भी काम ठीक से नहीं हो रहा है। उसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि शराब है। इसको दूर करने के लिए गांव की तरफ से बकायदा पूजा पाठ कराया जा रहा है, जिससे लोग शराब छोड़ दे और देवता भी खुश हो जाए। देखिए वीडियो... नौशाद अहमद की रिपोर्ट में...

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में अभी पूर्ण रूप से शराबबंदी हो या न हो पर सूरजपुर जिले के कुंज नगर में इसकी शुरुआत हो गई है। गांव में पूरी तरह से शराबबंदी लागू कर दी गई है। यहां के लोगों का मानना है कि शराब पीने से ग्राम देवता नाराज हो गए हैं। दरअसल जिले के जयनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच के किनारे स्थित ग्राम पंचायत कुंजनगर जहां शराबबंदी को लेकर एक अभियान चलाया जा रहा है। इससे पहले यहां के महिलाओं ने भी जागरूकता लाने के लिए बहुत काम किया है। घर-घर जाकर शराब छुड़ाने के लिए के लिए जागरूक करने की कोशिश किया था। एक बार फिर से इस गांव में महिला और पुरुष दोनों एक साथ मिलकर पूर्ण रूप से पंचयात में शराब बंदी हो जाए इसके लिए एक महा अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही पूजा पाठ का सहारा भी लिया है। इस बार बकायदा जुर्माना भी लगा रखा है। पंचायत की ओर से बकायदा ग्रामीणों के साथ बैठक कर गांव में शराब बनाने व पीने वाले दोनों के ऊपर जुर्माना लगाने का फरमान जारी कर दिया गया है। शराब बनाने वाले को दस हजार और वही पीने वाले पर पांच हजार का जुर्माना लगाया गया है।

ग्रामीण महिला बबीता कहना है कि जब तक हमारे गांव में पूर्ण रूप से शराबबंदी नहीं होगी, हमारा पंचायत खुशहाल नहीं हो सकता। आए दिन कोई न कोई बड़ी घटना दुर्घटना होती है, जिससे हम अपने प्यारों को खो देते हैं। शराब की वजह से कई घर बर्बाद हो रहे हैं। हम घर-घर जाकर शराबबंदी के लिए प्रचार प्रसार करेंगे और इस बार हम शाम होते ही ग्रुप बनाकर निकलेंगे और शराब पीने वाले लोगों को शराब पीने से मना करेंगे। बहार से भी शराब पीकर गांव में आने को मना करेंगे और उन्हें रोकेंगे। इस बार हम सब मिलकर कुंज नगर पंचायत को पूर्ण रूप से नशा मुक्त पंचायत बनाकर रहेंगे। वही ग्रामीण बोध सिंह का कहना है कि हमारे पंचायत में अब ना शराब बनेगी ना पीने देंगे, चाहें वह महिला पुरुषों कोई भी हो हम सरकार से भी चाहते हैं कि पूरे प्रदेश में शराबबंदी कर दिया जाए। आदिवासी परिवार को 5 लीटर शराब बनाने की आजादी मिली है, पर उसी के आड़ में दूसरे लोग शराब बना रहे हैं। हर हाल में प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए तब कहीं जाकर प्रदेश के साथ हमारा पंचायत खुशहाल बनेगा। देखिए वीडियो-



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