बिजली बिल हॉफ योजना में अब हर माह आ रहे जेब में 1130 रुपए

बिजली बिल हॉफ योजना में अब हर माह आ रहे जेब में 1130 रुपए
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प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने अपने घोषणापत्र में किए गए वादे के मुताबिक बिजली उपभोक्ताओं को मार्च 2019 से बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ देना प्रारंभ किया। इस योजना में 400 यूनिट तक हर वर्ग के उपभोक्ताओं का बिजली बिल हॉफ किया जा रहा है।

रायपुर: प्रदेश के 45 लाख से ज्यादा घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की जेब में अब हर माह बिजली बिल हॉफ योजना में 1130 रुपए जा रहे हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि पिछले साल तीन बार उपभोक्ताओं को वीसीए के कारण महंगी बिजली का झटका लगा है, लेकिन इसी के साथ एक बड़ी राहत यह भी मिली है कि बिजली बिल हॉफ योजना में टैरिफ के साथ वीसीए भी शामिल होने के कारण वीसीए का शुल्क आधा लग रहा है। इस समय वीसीए का शुल्क 1.10 रुपए है, लेकिन उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट पर 55 पैसे ही देने पड़ रहे हैं।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने अपने घोषणापत्र में किए गए वादे के मुताबिक बिजली उपभोक्ताओं को मार्च 2019 से बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ देना प्रारंभ किया। इस योजना में 400 यूनिट तक हर वर्ग के उपभोक्ताओं का बिजली बिल हॉफ किया जा रहा है। इस योजना को लागू करते समय ही प्रदेश सरकार ने इस बात का उल्लेख कर दिया था कि जिनका किसी भी तरह का बिजली बिल बकाया होगा, उनको योजना का लाभ नहीं मिलेगा। बाद में दो माह से ज्यादा बकाया जमा न करने वालों को योजना से वंचित किया गया। ऐसे में किसी कारणवश एक माह का बिल जमा न कर पाने वालों को भी योजना का लाभ मिलता है।

वीसीए बढ़ा तो छूट भी बढ़ी

प्रदेश में जिन बिजली उपभोक्ताओं की खपत चार सौ यूनिट की है, उनको पिछले साल जनवरी से जुलाई तक हर माह 948 रुपए की छूट मिल रही थी। इसके बाद एनटीपीसी से महंगी बिजली मिलने के कारण वीसीए में अगस्त में 23 पैसों का इजाफा किया गया तो वीसीए 19 पैसे से 42 पैसे हो गया। ऐसे में छूट 994 रुपए हो गई। इसके बाद फिर से सितंबर में वीसीए 19 पैसे बढ़ा तो पहली बार छूट ने हजार का आंकड़ा पार लिया और दो माह तक उपभोक्ताओं को 1032 रुपए की छूट मिली। साल के अंत में सबसे ज्यादा 49 पैसे वीसीए दिसंबर और जनवरी के लिए बढ़ाया गया। ऐसे में वीसीए पहली बार 1.10 रुपए हो गया। ऐसा होने से छूट ने 11 सौ का भी आंकड़ा पार कर लिया और इस समय 1130 रुपए मिल रहे हैं। जनवरी का बिल जब फरवरी में आएगा, तब भी 1130 रुपए की छूट मिलेगी। इसके बाद वीसीए बढ़ा तो यह छूट और बढ़ेगी। अगर वीसीए कम हुआ ताे छूट में भी कटौती हो जाएगी।

तीन साल में दिए सरकार ने दस हजार करोड़

साल दर साल जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा होता गया, सब्सिडी भी बढ़ती चली गई। पहले साल 19-20 में 43 लाख उपभोक्ताओं को 3434 करोड़ की सब्सिडी दी गई। इसके बाद कोरोना के कारण 20-21 में उपभोक्ता 38 लाख 59 हजार हुए तो सब्सिडी कम होकर 3085 करोड़ हो गई, लेकिन इसके बाद 21-22 में उपभोक्ताओं की संख्या 44 लाख 80 हजार हो गई तो सब्सिडी रिकाॅर्डतोड़ 3963 हजार हो गई। इसके बाद 22-23 में उपभोक्ता 45 लाख से ज्यादा हो गए हैं। इस साल सब्सिडी के भी चार हजार करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है।

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